स्पोर्ट्स डेस्क : दक्षिण अफ्रीका आखिरकार चौकर्स का टैग हटाने से एक बार फिर से विफल हो गया। कोलकाता के ईडन गार्डन में खेलने उतरी दक्षिण अफ्रीकी टीम भले ही टूर्नामैंट में 5 से ज्यादा बार 300 रन बना चुकी थी लेकिन सेमीफाइनल खेलते हुए वह दबाव में दिखी और 212 रन ही बना पाई। हालांकि दक्षिण अफ्रीका ने भी शानदार गेंदबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया के 7 विकेट चटकाए लेकिन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों ने अपने अनुभव का फायदा उठाया और 7वीं बार क्रिकेट विश्व कप के फाइनल मुकाबले में जगह बना ली। अब ऑस्ट्रेलिया का फाइनल में मुकाबला भारतीय टीम से होगा। दोनों के बीच 2003 विश्व कप फाइनल खेला गया था। उम्मीद है कि इस बार नतीजा भारत के पक्ष में आएगा।
दक्षिण अफ्रीका की खराब शुरूआत रही
दक्षिण अफ्रीका के कप्तान टेम्बा बावुमा ने टॉस जीत पहले बल्लेबाजी चुनी। स्टार्क ने पहले ओवर में बावुमा (0) को तो हेलजवुड ने डीकॉक (3) को आऊट किया। थोड़ी देर बाद ही स्टार्क ने एडेन मार्कराम का विकेट निकाल दिया। फिर हेज़लवुड ने रासी वैन डेर डुसेन को आउट स्कोर 24 पर 4 विकेट कर दिया।
क्लासेन-मिलर की पार्टनरशिप
4 विकेट गिर जाने के बाद हेनरिक क्लासेन और डेविड मिलर ने पारी को संभाला और 119 रन तक ले गए। क्लासेन इस दौरान अब धैर्य खो बैठे। पार्ट टाइम स्पिनर ट्रेविस हेड को पहली 2 गेंदों पर चौके मारने वाले क्लासेन तीसरी गेंद पर बोल्ड हो गए। उन्होंने 48 गेंदों पर 47 रन बनाए। ट्रेविस ने इसी ओवर में मार्को येन्सन को भी 0 पर पवेलियन की राह दिखा दी।
डेविड मिलर ने शतक लगाया
दक्षिण अफ्रीका की ओर से डेविड मिलर ने डटकर ऑस्ट्रेलियााई गेंदबाजों का सामना किया और 116 गेंदों पर 8 चौके और 5 छक्कों की मदद से 101 रन बनाए। अगर वह क्रीज पर न रुकते तो दक्षिण अफ्रीका के लिए 200 रन तक भी पहुंचना मुश्किल हो जाता। वह दक्षिण अफ्रीका की ओर से आईसीसी नॉकआऊट मुकाबले में शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज भी बन गए। आखिर में जेराल्ड और रबाडा ने कुछेक रन बनाकर साऊथ अफ्रीका को 212 रन तक पहुंचा दिया।
स्टार्क-कमिंस ने चटकाए 3-3 विकेट
ऑस्ट्रेलिया की ओर से मिशेल स्टार्क सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने 34 रन देकर 3 विकेट लिए। इसी तरह कप्तान पैट कमिंस ने 51 रन देकर 3 ही विकेट निकाले। जोश हेजलवुड ने 8 ओवर में मात्र 12 रन देकर 2 विकेट लिए। जबकि ट्रेविस हेड ने भी 21 रन देकर 2 विकेट लिए।
ऑस्ट्रेलिया की तेजतर्रार शुरूआत
213 रन का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिया ने डेविड वॉर्नर और ट्रेविस हेड की बदौलत तेजतर्रार शुरूआत की। वार्नर ने मार्करम की गेंद पर बोल्ड होने से पहले 18 गेंदों पर 4 छक्कों की मदद से 29 रन बनाए। हालांकि इसके बाद मिशेल मार्श जरूर 0 पर आऊट हो गए लेकिन स्मिथ ने ट्रेविस हेड के साथ मिलकर स्कोर को गति दी। हेड ने 48 गेंदों पर 9 चौके और दो छक्कों की मदद से 62 रन बनाए।
शम्सी ने 2 विकेट निकाल मैच किया रोमांचक
मध्यक्रम में गेंदबाजी करने आए तबरेज शम्सी की गेंद को खेलने में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को परेशानी हुई। कुछ पगबाधा की अपील भी हुई। आखिर शम्सी ने 22वें ओवर में मार्नेस लाबुछेन को पगबाधा आऊट किया। अपने अगले ही ओवर में उन्होंने खतरनाक ग्लेन मैक्सवेल को भी पवेलियन की राह दिखाकर मैच को रोमांचक बना दिया। इसके बाद जेराल्ड ने 34वें ओवर में स्मिथ की विकेट लेकर मैच में जान फूंक दी।
कप्तान कमिंस-स्टार्क ने पारी संभाली
स्मिथ की जब विकेट गिरी तो ऑस्ट्रेलिया 174 रन बना चुकी थी। क्रीज पर मौजूद जोश इंगलिस के साथ मिशेल स्टार्क (16) ने सधी हुई बल्लेबाजी की। अफ्रीकी गेंदबाजों ने भरसक प्रयास किए। आखिर 40वें ओवर में जेराल्ड ने जोश को बोल्ड कर ऑस्ट्रेलिया को 7वां झटका दे दिया। इसके बाद स्टार्क के साथ मिलकर कप्तान पैट कमिंस ने पारी को संभाला और 14 रन बनाकर टीम को जीत दिला दी।
दोनों टीमों की प्लेइंग इलेवन
दक्षिण अफ्रीका : क्विंटन डी कॉक (विकेटकीपर), टेम्बा बावुमा (कप्तान), रासी वैन डेर डुसेन, एडेन मार्कराम, हेनरिक क्लासेन, डेविड मिलर, मार्को जानसन, केशव महाराज, गेराल्ड कोएत्जी, कैगिसो रबाडा, तबरेज शम्सी।
ऑस्ट्रेलिया : ट्रैविस हेड, डेविड वार्नर, मिशेल मार्श, स्टीवन स्मिथ, मार्नस लाबुशेन, जोश इंग्लिस (विकेटकीपर), ग्लेन मैक्सवेल, पैट कमिंस (कप्तान), मिशेल स्टार्क, एडम ज़म्पा, जोश हेज़लवुड।