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स्पोर्ट्स डेस्क : भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत आज (गुरुवार) सुबह करीब 5.30 बजे हादसे का शिकार हो गए और उन्हें सिर और पैर पर चोटें आई। पंत दिल्ली से रुड़की के रास्ते अपने घर जा रहे थे जब तेज रफ्तार से उनकी गाड़ी डिवाइडर से टकरा गई। इसके बाद कार में आग लग गई लेकिन पंत ने अपने होश ओ आवाज ना खोते हुए कार का शीशा तोड़ा और बाहर निकल आए जिससे वह बाल-बाल बच गए। ऋषभ पंत को देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार जारी है। वहीं इस हादसे के गवाह बने एक बस ड्राइवर का बयान सामना आया है जिसने इस घटना का पूरा हाल बयां किया है। 

हरियाणा रोडवेज एक ड्राइवर सुशील कुमार ने एक मीडिया हाउस से बातचीत में कहा कि मैं सुबह 4.25 पर हरिद्वार से चला और तभी दिल्ली की तरफ से आई एक कार डिवाइडर से जोर से टकराई और दूसरी तरफ आ गई। मैं बस का ब्रेक लगाकर तुरंत बाहर निकला और कार से एक शख्स को आधा बाहर निकला दिखा। ड्राइवर ने कहा कि मुझे लगा था कि उसकी मौत हो चुकी है लेकिन वह जीवित था। मैंने उससे पूछा, कोई और गाड़ी में तो नहीं है। उसने कहा, नहीं मैं अकेला हूं और अपना नाम बताया।' 

उक्त ड्राइवर ने आगे कहा कि मैंने पंत को कार से निकालकर डिवाइडर पर लेटने को कहा लेकिन वो खुद अपने सहारे खड़े हो गए। उनके शरीर पर कोई भी कपड़े नहीं था तो मैंने उसे चादर दी। वह एक पैर से लंगड़ा भी रहे थे। इसके बाद मैंने पुलिस और नेशनल हाईवे वालों को सूचना दी थी। 

बीसीसीआई ने भी पंत को लेकर अपडेट जारी किया है और बताया कि ऋषभ के माथे पर दो कट लगे हैं, उनके दाहिने घुटने का लिगामेंट फट गया है और उनकी दाहिनी कलाई, टखने, पैर के अंगूठे में भी चोट लगी है और उनकी पीठ पर घर्षण की चोट लगी है। ऋषभ की हालत स्थिर बनी हुई है और उन्हें अब मैक्स अस्पताल देहरादून में स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां उनकी चोटों की सीमा का पता लगाने और उनके आगे के उपचार के लिए एमआरआई स्कैन किया जाएगा।