खेल डैस्क : पाकिस्तान के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ ने भारत और पाकिस्तान में क्रिकेट व्यवस्था के बीच एक बड़ा अंतर बताया है। भारत ने हाल ही में बारबाडोस में दक्षिण अफ्रीका को 7 रन से हराने के बाद अपना दूसरा टी20 विश्व कप जीता है। वहीं, पाकिस्तान विश्वकप में शुरूआती स्टेज से ही बाहर हो गया था। इस दौरान पाकिस्तान के ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ियों में संघर्ष की अफवाहें भी बाहर आई थी। इस पर लतीफ ने कहा कि ऐसा नहीं है कि विश्व कप के बाद भारत हाल ही में विश्व क्रिकेट में एक बड़ी ताकत बन गया है। 2007, 2011, 2015 पर वापस जाएं। उन्होंने विदेशी कोचों से बहुत ज्ञान प्राप्त किया है और साथ ही, वे बिना किसी के ध्यान में आए जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं।
लतीफ ने कहा कि भारत में आईपीएल चलन में आया। इसके पीछे कुछ बेहतरीन दिमाग काम कर रहे हैं। उनके पास हसी, ब्रावो और पोंटिंग जैसे नाम है लेकिन हम क्या कर रहे हैं। 55 वर्षीय लतीफ ने कहा कि जहां भारत ने क्रिकेट उद्योग विकसित किया है, वहीं पाकिस्तान अभी भी क्रिकेट को एक शौक के रूप में मानता है। भारत ने अपने फिल्म उद्योग की तरह क्रिकेट उद्योग को विकसित किया है। हम क्रिकेट को एक शौक मानते हैं इसलिए हम इसे व्यवसाय नहीं बना सके। पीएसएल अभी भी वहीं है जहां से इसकी शुरुआत हुई थी। यहां अभी भी उच्चतम वेतन सीमा 1.40 लाख डॉलर ही है। वे इसे आगे क्यों नहीं बढ़ा सकते? हमारे पास मिशेल स्टार्क या पैट कमिंस जैसे खिलाड़ी क्यों नहीं हो सकते? क्योंकि हमारे पास पैसे नहीं हैं।
पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज ने कहा कि जिन लोगों ने पीएसएल डिजाइन किया था उन्हें एक साल के भीतर बाहर कर दिया गया। वह इसे आगे बढ़ाना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब स्थिति यह है कि हमसे ज्यादा खिलाड़ी बांग्लादेश में खेल रहे हैं (बीपीएल में पीएसएल से ज्यादा विदेशी खिलाड़ी हैं)। मोईन अली भी हैं और डेविड मिलर भी, सिर्फ इसलिए कि उनके पास पैसा है। हम प्रगति नहीं कर सके।