मुंबई : रणजी ट्रॉफी फाइनल मैच के तीसरे दिन मंगलवार को महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर की मौजूदगी 19 वर्षीय बल्लेबाज मुशीर खान के लिए प्रेरणादायक साबित हुआ, जिनके धैर्यपूर्ण 136 रन की पारी से मुंबई ने विदर्भ को जीत के लिए 538 रन का विशाल लक्ष्य दिया। मुशीर ने इस सत्र में रणजी ट्रॉफी के तीन नॉकआउट मैचों में अपना दूसरा शतक जमाकर मैच पर मुंबई का शिकंजा कस दिया। उन्होंने इससे पहले क्वार्टर फाइनल में बड़ौदा के खिलाफ 203 रन की नाबाद पारी खेली थी। उन्होंने सेमीफाइनल में भी तमिलनाडु के खिलाफ 55 रन की अहम पारी खेली थी।
मुशीर ने तीसरे दिन के खेल के बाद कहा कि मुझे पहले पता नहीं था कि सचिन सर यहां मौजूद है। मैं जब 60 रन पर बल्लेबाजी कर रहा था तब मैंने उन्हें बड़ी स्क्रीन पर देखा। इसने मुझे अच्छा करने के लिए प्रेरित किया क्योंकि वह मैच देख रहे थे और मुझे उन्हें प्रभावित करना था। तेंदुलकर और भारतीय कप्तान रोहित शर्मा वानखेडे स्टेडियम में मौजूद थे, जो भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) की घरेलू क्रिकेट को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दर्शा रहा था।
मुशीर ने कहा कि कप्तान अजिंक्य रहाणे और श्रेयस अय्यर जैसे अनुभवी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ क्रीज पर समय बिताने से उन्हें बहुत कुछ सीखने में मदद मिली। मुशीर ने रहाणे के साथ तीसरे विकेट के लिए 130 जबकि अय्यर के साथ चौथे विकेट के लिए 168 रन की साझेदारी की। उन्होंने कहा कि साझेदारी के दौरान मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे दो टेस्ट खिलाड़ियों के साथ बल्लेबाजी करने का मौका मिला। उनकी टीम का हर गेंदबाज अज्जू दादा (अजिंक्य रहाणे) को आउट करने की कोशिश कर रहा था। इससे मेरा काम आसान हो गया।
हाल ही में भारतीय टीम के लिए अंडर-19 विश्व कप में खेलने वाले इस बल्लेबाज ने कहा कि देश के प्रमुख घरेलू टूर्नामेंट के फाइनल में शतक बनाना उनके लिए एक सपने के सच होने जैसा था। उन्होंने कहा कि रणजी ट्रॉफी फाइनल में शतक बनाना मेरे लिए एक सपना था। हमने (अय्यर और मुशीर) अच्छी साझेदारी की, हमने अच्छी तरह से संवाद किया और (अय्यर) भाई जोर दे रहे थे कि हमें लंबे समय तक बल्लेबाजी करनी है और मैच को विरोधी टीम की पहुंच से दूर ले जाना है।
मुशीर रणजी ट्रॉफी फाइनल में मुंबई के लिए शतक जड़ने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए है। उनसे पहले यह रिकॉर्ड रूसी मोदी के नाम था। मुशीर ने बताया कि पहली पारी की विफलता के बाद उन्होंने राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने वाले अपने बड़े भाई सरफराज खान से बात की थी।
मुशीर ने कहा कि मैंने पहले भाई से बात की थी और उन्होंने मुझसे कहा था कि फाइनल में यह मेरे लिए अच्छा मौका है, जिसे हर कोई देख रहा है। अगर मैं यहां रन बनाऊंगा तो यह मेरे लिए भविष्य में बेहतर होगा।'' उन्होंने बताया कि जब मैं पहली पारी में (कम स्कोर पर) आउट हो गया, (उन्होंने मुझसे कहा) कोई बात नहीं, दूसरी पारी में अपना समर्थन करो और जिस तरह से मैं सहज महसूस करूं उसी तरह से बल्लेबाजी करूं।