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स्पोर्ट्स डेस्क : पू्र्व भारतीय कप्तान और क्रिकेटर विराट कोहली को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिला है। 22 जनवरी को अयोध्या  में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भव्य तैयारियां की जा रही हैं। जानकारी के मुताबिक, मंदिर परिसर में 8000 कुर्सियां लगाई गई हैं। इस बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रमुख हस्तियों को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर आमंत्रित करने में जुटे हैं। विराट कोहली और अनुष्का शर्मा को मंगलवार को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का न्योता मिला है। इसकी तस्वीर सामने आई है। निमंत्रण पाकर दोनों काफी खुश नजर आ रहे हैं। इससे पहले सोमवार को पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिला है।

अरुण योगीराज की मूर्ति को चुना गया 

इससे पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मैसूर स्थित अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई राम लला की एक नई मूर्ति को अयोध्या में राम मंदिर में स्थापना के लिए चुना गया है और 18 जनवरी को इसे श्री रामजन्मभूमि तीर्थ पर गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। राय ने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या धाम में अपने नव्य भव्य मंदिर में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम और पूजन विधि 16 जनवरी से शुरू हो जाएगी, जबकि जिस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है, उसे 18 जनवरी को गर्भ गृह में अपने आसन पर खड़ा कर दिया जाएगा।

8000 लोगों के आने का अनुमान 

राय ने ये भी बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर गर्भ गृह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ, राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और सभी न्यायी उपस्थित रहेंगे। राय ने कहा, “ हमने मंदिर प्रांगण में आठ हजार कुर्सियां लगाई हैं, जहां विशिष्ट लोग बैठेंगे। देश भर में 22 जनवरी को लोग अपने-अपने मंदिरों में स्वच्छता और भजन, पूजन कीर्तन में हिस्सा लेंगे। प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को लाइव देखा जा सकेगा।”

राय ने कहा, “प्राण प्रतिष्ठा पूरी होने के बाद लोग शंख बजाएं और प्रसाद वितरण करें। अधिक से अधिक लोगों तक प्रसाद पहुंचना चाहिए। हमारे आयोजन मंदिर केंद्रित होने चाहिए। सांयकाल में सूर्यास्त के बाद घर के बाहरी दरवाजे पर पांच दीपक प्रभु की प्रसन्नता के लिए अवश्य जलाएं।” उन्होंने बताया, “ जिस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होनी है वो पत्थर की है। उसका वजन अनुमानित 150 से 200 किलो के बीच होगा। यह पांच वर्ष के बालक का स्वरूप है, जो खड़ी प्रतिमा के रूप में स्थापित की जानी है।”