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चेन्नई ( निकलेश जैन ) भारतीय शतरंज में सबसे सफल भाई बहन की जोड़ी प्रज्ञानन्दा और वैशाली कल से विश्व कप खेलते नजर आएंगे , दोनों नें शतरंज ओलंपियाड में टीम पदक के अलावा व्यक्तिगत कांस्य पदक भी जीता था और ऐसा करने वाले दुनिया की पहली भाई बहन की जोड़ी बन गए थे, प्रज्ञानन्दा के पसंदीदा खिलाड़ी मैगनस कार्लसन है तो वैशाली के विश्वनाथन आनंद ,हाल में ही प्रज्ञानन्दा नें शतरंज में 2700 का जादुई आंकड़ा पार किया है तो वैशाली नें तुर्की लीग में शानदार खेल दिखाते हुए ग्रांड मास्टर बनने की और कदम बढ़ाए है ,विश्व कप के लिए वैशाली नें चेन्नई से तो प्रज्ञानन्दा नें हंगरी से रवाना होने के पहले चेसबेस इंडिया और पंजाब केसरी से खास बातचीत की ।

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प्रज्ञानन्दा नें 2700 रेटिंग पार करने पर कहा की “बड़े टूर्नामेंट में आमंत्रण मिलने के हिसाब से यह बेहद महत्वपूर्ण है , पर मेरे लिए यह एक पड़ाव है , मैं बहुत दिनो से ऐसा होने की उम्मीद कर रहा था पर आखिरकार यह हो गया पर अभी बहुत आगे जाने है तो अपनी यात्रा पर ध्यान लगा रहा हूँ “

आज भी वह खेल को कितना समय देते है इस सवाल के जबाब में उन्होने कहा “

यह इसके बारे में नहीं है मैं कितना समय शतरंज को देता हूँ बस मैं अच्छी योजना के साथ तैयारी करता हूँ और ट्रेनिंग की गुणवत्ता अच्छी रखता हूँ

अपने टीम मेट के बारे में बात करते हुए प्रज्ञानन्दा कहते है की “गुकेश का आत्मविश्वास बहुत ज्यादा है साथ ही वह उन स्थितियों में बहुत अच्छा है जहां कोई भी गलतियाँ कर सकता है ऐसी स्थितियाँ जो नियंत्रण में नहीं रहती है अर्जुन की ओपनिंग बहुत अच्छी है वो बहुत सारी ओपनिंग खेलता है और उसे उसकी अच्छी समझ है , और निहाल ब्लिट्ज में एक शैतान बन जाता है

अपनी ट्रेनिंग के बारे में वह आरबी रमेश और विश्वनाथन आनंद दोनों का धन्यवाद करते है ।

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वैशाली अपने लक्ष्य के बारे में बात करते हुए कहती है “सबसे पहले मैं अपना ग्रांड मास्टर टाइटल पूरा करना चाहती हूँ , मेरे पास दो ग्रांड मास्टर्स नार्म है और मुझे अपनी रेटिंग और बढ़ानी होगी तो वर्तमान में मैं उसी के लिए काम कर रही हूँ

आनंद के बारे में बात करते हुए वह कहती है की हमेशा से मेरी प्रेरणा आनंद सर ही थे जब मैं पहली या दूसरी क्लास में थी आनंद सर वहाँ आए थे विश्व चैंपियनशिप जीतने के बाद , तब से वह आज तक मेरी प्रेरणा है और अब उनके साथ खेल के बारे में बात करना , उनके साथ तैयारी करना बहुत खास है

महिला शतरंज के बारे में वैशाली कहती है की “मुझे लगता है हम सही रास्ते पर है , अब हमारे यहाँ कई लड़कियां है जो 2400 से ऊपर रेटिंग पर है जो पहले नहीं था

विश्व कप के बारे में दोनों का कहना था की वह बिना दबाव के अच्छा खेल खेलना चाहते है !