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स्पोर्ट्स डेस्क : हाल ही में टीम इंडिया न्यूजीलैंड दौरे से लौटी है। इस दौरे पर टीम इंडिया ने टी20 व वनडे में तो शानदार प्रदर्शन किया लेकिन टेस्ट सीरिज में उसे न्यूजीलैंड के हाथों 2-0 से करारी हार का सामना करना पड़ा। ऑस्ट्रेलियाई दौरे को छोड़ दें तो पिछले 2 सालों में टीम इंडिया को विदेशी दौरों पर इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका व न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरिज में हार का सामना करना पड़ा है। विदेशी दौरों पर टेस्ट मैचों में टीम इंडिया के इस खराब प्रदर्शन पर बोलते हुए भारतीय टेस्ट टीम के अहम सदस्य चेतेश्वर पुजारा ने इसके कई गिनाए है।

टेस्ट विशेषज्ञों की कमी

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पुजारा ने बताया की वर्तमान समय में टीमों के पास टेस्ट विशेषज्ञों की बहुत कमी हो गई है। उन्होंने इसके लिए 3 टीमों भारत,इंग्लैंड व ऑस्ट्रेलिया के 10 वर्ष पहले उपलब्ध बैंच स्टैंथ का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि जहां पहले इन टीमों के पास 30-50 खिलाड़ियों की बैंच स्टैंथ होती थी वही अब यह दायरा 20-25 खिलाड़ियों तक सिमट कर रह गया है।

टी20 व वनडे की बढ़ती लोकप्रियता

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पुजारा ने कहा कि वनडे तथा टी20 क्रिकेट की ओर झुकाव ही भारत सहित विश्व क्रिकेट में टेस्ट मैचों में खिलाड़ियों के गिरते स्तर का बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि वनडे व टी20 क्रिकेट के बढ़ते दायरे के कारण टेस्ट मैचों में टीमों के पास ज्यादा विकल्प उपलब्ध नहीं होते है। पुजारा ने बताया कि खिलाड़ी वनडे व टी20 से पहले खुद को आराम देना पसंद करते हैं। क्योंकि खेल के इन छोटे प्रारूपों में खिलाड़ियों के चोटिल होने की संभावना ज्यादा होती है।

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गौरतलब है कि टीम इंडिया का प्रदर्शन विदेशों में अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा है। ऑस्ट्रेलिया में मिली जीत के अलावा टीम को इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका व न्यूजीलैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में टीम इंडिया के टेस्ट मैचों में खराब प्रदर्शन पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में टीम इंडिया ने हालांकि अब तक अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन विदेशों में टेस्ट सीरिज जीते बिना टीम इंडिया के इस चैंपियनशिप को जीतना काफी नजर आता है।