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झुंझुनूं : भारत के लिए ओलम्पिक में मैडल लाने वाले पहलवान योगेश्वर दत्त ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब खिलाडिय़ों को संसाधनों और सहायता की जरूरत होती है तब उनकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आता। झुंझुनूं जिले के सालाना खेल महाकुंभ बोसम के शुभारंभ पर पहुंचे योगेश्वर ने साफ कहा कि यहां खिलाडिय़ों को तब ही सहायता मिलती है जब वह मैडल जीतता है या फिर अपना लोहा मनवाता है। जबकि अगर खिलाडिय़ों को जूनियर स्तर पर ही सहायता मिले तो कई प्रतिभाएं उभरकर सामने आएंगे। 

अपने शिष्य बजरंग पूनिया को खेल रत्न न मिलने पर योगेश्वर की खीझ में सामने आई। उन्होंने कहा कि देश में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जोकि गांवों से निकलकर पूरी दुनिया पर छा गए। हरियाणा में एकेडमी खोलकर करीब 200 से अधिक खिलाडिय़ों को ट्रेनिंग दे रहे योगेश्वर ने कहा कि वह कोशिश कर रहे हैं कि अगले ओलंपिक में भारत के लिए मैडल ला सकें। उन्होंने कहा कि कुश्ती का पहलवान अगर चमक-धमक से दूर रहेगा तभी वह बचा रहेगा।