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स्पोर्ट्स डेस्क : भारत-चीन सीमा पर विवाद और चीनी सेनिकों द्वारा भारतीय सेनिकों की हत्या के बाद देश में चीनी सामान पर बेन की मांग जोरों से बढ़ी है। वहीं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के टाइटल स्पांसर वीवो को कांट्रेक्ट से बाहर नहीं किया है। इस पर बीसीसीआई के खिलाफ लोगों का गुस्सा निकला और इस बार आईपीएल का बहिष्कार करने की बात कही है। 

रविवार देर शाम आईपीएल संचालन परिषद की बैठक के बाद आईपीएल जीसी के एक सदस्य ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ‘मैं सिर्फ यही कह सकता हूं कि हमारे सभी प्रायोजक हमारे साथ हैं। इससे साफ था कि टाइटल स्पांसर वीवो (चीनी स्मार्टफोन कम्पनी) बदला नहीं है। इस खबर के फैलने के बाद ट्विटर पर बाॅयकाट आईपीएल भी ट्रेंड करने लगा। एक यूजर @ashwani_mahajan ने लिखा, आईपीएल एक कारोबार है और इस कारोबार को चलाने वाले देश के प्रति असंवेदनशील हैं। यह सुरक्षा की बात है। पूरी दुनिया चीन का बहिष्कार कर रही है, आईपीएल उन्हें पनाह दे रहा है। उन्हें समझना चाहिए कि कुछ भी राष्ट्र से ऊपर नहीं है, यहां तक कि क्रिकेट भी नहीं। लोग आईपीएल का बॉयकॉट करें।’ 

एक और यूजर @gupta_vinod1211 ने लिखा, यदि बीसीसीआई चीनी प्रायोजक का बहिष्कार नहीं कर सकता तो हम आईपीएल का बॉयकॉट करेंगे। हमारे लिए हमेशा राष्ट्र पहले है। एक अन्य यूजर @ParnayWala ने लिखा, इस साल मैंने आईपीएल का बॉयकॉट किया है। मेरे लिए चीनी पैसे से ज्यादा भारतीय सेना और शहीद सैनिक पहले हैं। मैं अपने शहीद सैनिकों के शवों पर जश्न नहीं मना सकता। यदि आप भारत और भारतीय सेना के प्रति वफादार हैं और उससे प्यार करते हैं तो आईपीएल का बॉयकॉट करें।’ 

कल देर शाम आईपीएल संचालन परिषद (जीसी) ने वर्चुअल' बैठक में फैसला किया कि सरकार की मंजूरी मिलने की स्थिति में (अगले दो दिन में मिलने की उम्मीद) टूर्नामेंट 19 सितंबर से 10 नवंबर तक संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के तीन स्टेडियमों- दुबई, शारजाह और अबुधाबी- में खेला जाएगा। बीसीसीआई द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, ‘53 दिन के टूर्नामेंट में 10 मैच दोपहर को खेले जाएंगे जो भारतीय समयानुसार साढ़े 3 बजे शुरू होंगे जबकि शाम के मैच भारतीय समयानुसार साढ़े 7 बजे शुरू होंगे। 

गौर हो कि आईपीएल टाइटल प्रायोजक वीवो सबसे बड़े आईपीएल पार्टनरों में से एक है। वीवो ने बीसीसीआई के साथ 5 साल का करार किया है जो साल 2022 तक चलेगा। इसके चलते वीवो प्रत्येक साल करीब 440 करोड़ रुपए की मोटी रकम भी अदा करता है।