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चेन्नई : भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने मंगलवार को कहा कि खिलाड़ियों को राजनीति में आने से बचना चाहिए और जो राजनीति में उतरते हैं वे केवल ‘ अहंकार और सत्ता की भूख' के लिए ऐसा करते हैं। सहवाग ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा- मेरी राजनीति में कतई दिलचस्पी नहीं है। पिछले 2 चुनावों में दोनों बड़ी पार्टियों ने मुझसे संपर्क किया था। उन्होंने कहा- मेरा मानना है कि फिल्मी सितारों और खिलाड़ियों को राजनीति में नहीं उतरना चाहिए क्योंकि अधिकतर अपने अहंकार और सत्ता की भूख के लिए राजनीति में आते हैं और लोगों के लिए मुश्किल से वास्तविक समय निकाल पाते हैं। कुछ अपवाद हो सकते हैं लेकिन अधिकतर पीआर के लिए ऐसा करते हैं।

 


सहवाग ने कहा कि मुझे क्रिकेट से जुड़े रहना और कमेंट्री करना अच्छा लगता है तथा मेरी अंशकालिक सांसद बनने की कतई इच्छा नहीं है। सहवाग उस व्यक्ति के सवाल का जवाब दे रहे हैं जिनका मानना था कि इस विस्फोटक बल्लेबाज को गौतम गंभीर से पहले सांसद बनना चाहिए था। सहवाग की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जबकि दिल्ली के उनके साथी गंभीर पाकिस्तान के खिलाफ भारत के एशिया कप मैच के दौरान पालेकल में दर्शकों को उंगली दिखाने के कारण विवाद के केंद्र में हैं। 

 


गंभीर ने इस पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि कुछ दर्शक भारत विरोधी नारे लगा रहे थे। गंभीर ने कहा कि जब आप मैच देखने के लिए आएं तो राजनीतिक नारेबाजी न करें। आप अगर भारत विरोधी नारे या कश्मीर के बारे में कुछ कहेंगे तो आप मुझसे चुप रहने की उम्मीद नहीं कर सकते। सोशल मीडिया आपको कभी पूरी तस्वीर नहीं दिखाता है।

 


मीडिया के एक वर्ग की रिपोर्ट के अनुसार गंभीर जब मैदान से वापस प्रसारण क्षेत्र में जा रहे थे तो दर्शक कोहली कोहली चिल्लाने लग गए थे लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी प्रतिक्रिया कोहली को लेकर नहीं थी। गंभीर ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो दिखाया जाता है वह सही नहीं होता। लोग सोशल मीडिया पर वही दिखाते हैं जो वह चाहते हैं। वहां पर भारत विरोधी नारे लग रहे थे। वहां पर कश्मीर को लेकर नारे लग रहे थे ऐसे में प्रतिक्रिया देना लाजमी है, मैं वहां से हंस कर नहीं निकल सकता।