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स्पोर्ट्स डैस्क : पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर शेन वॉर्न की मौत पर एक बार फिर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। डॉक्टरों ने दावा करते हुए कहा कि शेन वॉर्न की मौत कोरोना की वैक्सीन के कारण हुई है। जांच में पाया गया कि वॉर्न ने जो वैक्सीन लगवाई थी, वह हृदय संबंधी रोगों को बढ़ावा देती है। इस वैक्सीन के लगवाने के 9 महीने बाद ही थाईलैंड में शेन वॉर्न की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। 

भारतीय मूल के ब्रिटिश ह्रदय रोग विशेषज्ञ और एक ऑस्ट्रेलियाई डॉक्टर का मानना है कि शेन वॉर्न की अचानक मौत के लिए कोविड वैक्सीन जिम्मेदार हो सकती है। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ असीम मल्होत्रा और डॉ क्रिस नील, जो ऑस्ट्रेलियन मेडिकल प्रोफेशनल्स सोसाइटी के अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि वॉर्न के पोस्ट मार्टम के निष्कर्षों से कोरोनरी एथेरोस्क्लेरोसिस या ह्रदय रोग का पता चला है। उनके शोध से पता चलता है कि एक कोविड वैक्सीन रोगी के तेजी से फैलने का कारण बन सकता है।

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वैक्सीन नहीं लगवाते तो जीवित होते शेन वॉर्न

वहीं इस खुलासे के बाद इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर दिमित्री मैस्करेनहास ने कहा कि अगर वॉर्न ने वैक्सीन नहीं लगवाई होती तो वह आज जिंदा होते। उन्होंने कहा, "शेन मेरे सबसे फ्रेंड दोस्त थे। उनकी मौत को पूरी तरह से रोका जा सकता था। अगर उन्होंने कोविड वैक्सीन नहीं ली होती, तो वह आज जीवित होते। वह नहीं चाहते कि दूसरों को नुकसान हो, इसलिए मैं ऑस्ट्रेलिया और दुनिया भर में इन जैब्स को तत्काल निलंबित करने के इन डॉक्टरों के आह्वान का पूरा समर्थन करता हूं।'' 

यूके में, कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद एंड्रयू ब्रिजेन ने भी गहन शोध किए जाने तक टीकों के निलंबन के आह्वान का समर्थन किया। उन्होंने भी इतनी कम उम्र में शेन वार्न की मौत पर निजी तौर पर चिंता जताई है। बता दें कि शेन वॉर्न का 52 वर्ष की उम्र में 4 मार्च 2022 को थाईलैंड में दिल का दौरा पड़ने से अचानक निधन हो गया था। उन्हें सीने में तेज दर्द उठा था। साथ ही वॉर्न ने अपनी मौत से कुछ दिन पहले ही अपने हॉर्ट चेकअप को लेकर एक डॉक्टर से संपर्क भी किया था।