नई दिल्ली : पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की अहमदाबाद में भारत के खिलाफ विश्व कप मैच के दौरान दर्शकों के कथित अभद्र व्यवहार को लेकर की गई शिकायत पर कार्रवाई होने की संभावना नहीं है क्योंकि नस्लभेदी संहिता केवल व्यक्तिगत मामलों तक सीमित है और उसके तहत एक समूह नहीं आता है।
अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में एक लाख से भी अधिक दर्शक मौजूद थे। पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए पाकिस्तानी मूल के तीन अमेरिकी दर्शक ही उपस्थित थे। मोहम्मद रिजवान जब आउट होकर पवेलियन लौट रहे थे तो दर्शकों के एक समूह ने धार्मिक नारेबाजी की, इसके बाद पीसीबी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के सामने शिकायत दर्ज कराई।
पाकिस्तान के क्रिकेट निदेशक मिकी आर्थर ने स्वीकार किया था कि भारत के हाथों सात विकेट की हार के दौरान उनके खिलाड़ी दर्शकों के शोर से परेशान थे। ऐसा समझा जाता है कि आईसीसी ने शिकायत पर संज्ञान लिया है और वह उस पर अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का पता लग रही है।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और आईसीसी में काम कर चुके एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, ‘आईसीसी प्रत्येक शिकायत को बेहद गंभीरता से लेती है लेकिन संहिता व्यक्तियों को लेकर है। मैं नहीं जानता कि पीसीबी क्या चाहता है लेकिन कोई ठोस कार्रवाई करना बेहद मुश्किल होगा।'
उन्होंने कहा, ‘अगर नस्लीय भेदभाव के आरोप हैं तो आईसीसी व्यक्ति की पहचान कर सकती है लेकिन जब हजारों लोग नारे लगा रहे थे तो आप कुछ नहीं कर सकते। स्टेडियम में फेंकी गई किसी वस्तु से कोई खिलाड़ी चोटिल नहीं हुआ। दर्शकों से पक्षपात पूर्ण रवैए की उम्मीद थी। बड़े मैचों में इस तरह का दबाव होता है।'