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जालन्धर : दिग्गज क्रिकेटरों के संन्यास और खिलाडिय़ों में आपसी विवाद के चलते श्रीलंका क्रिकेट अभी भी अपने बुरे दौर से उबर नहीं पाया है। श्रीलंका के लिए पिछला साल बेहद खराब रहा। इसे देखकर श्रीलंका के महान खिलाड़ी मुथैया मुरलीधरन ने दुख जताया है। उन्होंने श्रीलंका क्रिकेट के गिरते स्तर पर कहा कि इसके लिए सीधी तौर पर मौजूदा पीढ़ी में खेल के प्रति जुनून की कमी जिम्मेदार है।

2018 में श्रीलंका का प्रदर्शन
टेस्ट क्रिकेट में श्रीलंका साऊथ अफ्रीका से दो टेस्ट मैचों की सीरीज 2-0 से हारी। इसके बाद इंगलैंड ने श्रीलंका में आकर उन्हें 3-0 से धूल चटा दी।
वनडे क्रिकेट में श्रीलंका ने पिछले साल सिर्फ 10 वनडे खेले थे। इनमें 6 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा तो तीन में उन्हें जीत मिली। एक मैच बिना रिजल्ट के समाप्त हुआ।
टी-20 में श्रीलंका ने भारत, बांगलादेश साऊथ अफ्रीका के खिलाफ मैच खेले। श्रीलंका 9 टी-20 में सिर्फ 2 ही जीत पाया। इस दौरान वह भारत से लगातार चार मैच हारा।

श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड पर लगा है भ्रष्टाचार का आरोप
Muralitharan say's- Decline in talent, lack of passion saddens me
मुरलीधरन ने कहा कि श्रीलंका घरेलू और विदेशी सरजमीं पर सभी टेस्ट खेलने वाले देशों से हार रहा है। विश्व क्रिकेट की संचालन संस्था आईसीसी देश की क्रिकेट संस्था पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही है। वनडे और टी20 दोनों विश्व कप जीतने के बावजूद श्रीलंकाई क्रिकेट मुरलीधरन, महेला जयवर्धने और कुमार संगकारा जैसे शानदार खिलाडिय़ों के संन्यास के बाद बदलाव के दौर की प्रक्रिया में उबर नहीं सका है।

श्रीलंकाई क्रिकेट की गिरावट से होता है दुख 
Muralitharan say's- Decline in talent, lack of passion saddens me
मुरलीधरन ने पत्रकारों से कहा- संन्यास लेने के बाद मैं श्रीलंकाई क्रिकेट से जुड़ा हुआ नहीं हूं। श्रीलंकाई क्रिकेट की गिरावट से मुझे दुख होता है। ऐसी टीम जो विश्व कप फाइनल में 3 बार पहुंच चुकी हो और जिसकी क्रिकेट संस्कृति गौरव करनी वाली है, तो यह चिंता का संकेत है। उन्होंने कहा कि क्रिकेट का स्तर काफी गिर गया है और ऐसा मौजूदा खिलाडिय़ों के अपने खेल में सुधार करने पर ध्यान लगाने के बजाय भौतिक लाभ हासिल करने के कारण हुआ है। 

खिलाड़ी धन के पीछे भागेंगे तो क्रिकेट का स्तर गिरेगा ही
Muralitharan say's- Decline in talent, lack of passion saddens me
मुरलीधरन ने कहा- जब मैं खेलता था तो पैसे कमाना इतना अहम नहीं होता था। नब्बे के दशक में तब इतना धन भी नहीं था। हमारा जुनून विकेट लेना और रन जुटाना था। इस जुनून में अब बदलाव हो गया है। अगर खिलाड़ी धन के पीछे भागते हैं तो क्रिकेट का स्तर नीचे गिरेगा ही। उन्होंने कहा-खिलाड़ी के तौर पर, आपको धन राशि के बजाय अपने खेल के बारे में सोचना चाहिए क्योंकि अगर आप अच्छा प्रदर्शन करोगे तो आपको पैसा और सम्मान दोनों मिलेगा।