नई दिल्ली। पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी ने अपने स्कूल के दिनों का एक अनूठा अनुभव साझा किया। बचपन से ही पढ़ाई से ज्यादा खेल पर ध्यान देने वाले धोनी ने कहा कि उनके पिता को शक था कि क्या वह 10वीं की बोर्ड परीक्षा पास कर पाएंगे? माना जाता है कि पढ़ाई के मामले में धोनी सबसे तेज दिमाग वाले छात्र नहीं थे, लेकिन क्रिकेट के मैदान पर उनकी रणनीति दूसरे स्तर पर रही। वह तीनों ICC ट्राॅफी जीतने वाले एकमात्र कप्तान भी हैं। उन्होंने 2007 T20 विश्व कप, 2011 ODI विश्व कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी भारत को दिलाई थी। न केवल अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में, बल्कि कैप्टन कूल इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में चार बार खिताब जीतने के बाद सबसे सफल कप्तानों में से एक है। उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के साथ दो चैंपियंस लीग टी20 खिताब भी जीते।
धोनी ने अपने स्कूल के समय के कुछ राज खोले। उन्होंने खुद माना कि वह पढ़ने में अधिक होशियार नहीं थे। धोनी ने एक स्कूल में बच्चों के द्वारा किए गए सवालों के जवाब देते हुए कहा, ''मेरी क्लास में उपस्थिति बहुत कम रहती थी क्योंकि मेरा फोकस मैच पर रहता था। उन्होंने कहा, "मैं बहुत खुश था, लेकिन मेरे पिता ने सोचा कि मैं 10वीं बोर्ड परीक्षा पास नहीं कर पाऊंगा। मुझे भी लगा कि फिर से दोबारा पेपर देना पड़ेंगे, लेकिन फिर बहुत खुशी हुई कि मैं पास हो गया।”
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12वीं में आए इतने नबंर
अपने पसंदीदा विषय के बारे में पूछे जाने पर, पूर्व भारतीय कप्तान ने मजाकिया अंदाज में पूछा कि क्या खेल एक विषय के रूप में योग्य है। धोनी ने कहा, "क्या खेल एक विषय के रूप में योग्य है? जब तक मैंने कक्षा सात में क्रिकेट खेलना शुरू नहीं किया, तब तक मैं एक औसत छात्र था, इसलिए उस समय से, मेरी उपस्थिति थोड़ी कम होने लगी। लेकिन इसके अलावा, मैं एक अच्छा छात्र था। दसवीं में मेरे 66 प्रतिशत नंबर थे। 12वीं में मुझे 56 या 57 प्रतिशत नंबर मिले हैं।'' उन्होंने आगे कहा, “मैं बहुत कम क्लास लगाता था क्योंकि मैं ज्यादा मैच खेलता था। इसलिए, पढ़ना थोड़ा मेरे लिए मुश्किल था, लेकिन मैं एक औसत छात्र था। वास्तव में, कक्षा 10 के बोर्ड में, ऐसे अध्याय थे जिनके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं थी। इसलिए, मुझे नहीं पता था कि अगर उस विशेष अध्याय से कोई प्रश्न आता है तो मैं क्या लिखूं। उस समय बहुत मुश्किल थी।'' धोनी ने छात्रों से यह भी कहा कि जब भी वह किसी स्कूल में वापस जाते हैं, तो यह टाइम मशीन में कदम रखने जैसा होता है।
धोनी ने कहा, "जब भी मैं किसी भी स्कूल में जाता हूं, यह एक टाइम मशीन की तरह होता है। मैं सीधे अपने स्कूल में बिताए समय पर वापस जाता हूं। मुझे हमेशा विश्वास है कि यह आपके लिए सबसे अच्छे समयों में से एक है। आप पढ़ाई करते हैं, खेलते हैं, लेकिन स्कूल में बिताया समय कभी वापस नहीं आता है। आपके पास हमेशा अच्छी यादें होती हैं। आप यहां दोस्त बनाते हैं जो आपके साथ बहुत लंबे समय तक रहेंगे।" बता दें कि चार बार के आईपीएल चैंपियन 2023 में एक बार फिर चेन्नई सुपरकिंग्स का नेतृत्व करेंगे।