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​​​​​स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय निशानेबाज मनु भाकर पिस्टल में तकनीकी खराबी आने के कारण तोक्यो ओलंपिक में महिलाओं की दस मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल्स में जगह बनाने से मामूली अंतर से चूक गई। दूसरी सीरिज में पिस्टल में तकनीकी खराबी के कारण मनु के पांच मिनट खराब हुए और मानसिक एकाग्रता वाले इस खेल में किसी की भी लय खराब करने के लिये उतना काफी था। अपने पहले ओलंपिक में मनु ने शुरूआत अच्छी की थी।

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उनके पिता रामकिशन भाकर और भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ के अधिकारी ने भी कहा कि मनु की पिस्टल के इलेक्ट्रॉनिक ट्रिगर में खराबी आ गई थी। उसे ठीक कराने के बाद वह लौटी लेकिन उसकी लय बिगड़ चुकी थी। पहली सीरिज में 98 के स्कोर के बाद उसने 95, 94 और 95 का स्कोर किया और शीर्ष 10 से बाहर हो गई। पांचवीं सीरिज में उसने वापसी की कोशिश की लेकिन छठी और आखिरी सीरिज में एक 8 और तीन 9 के स्कोर के बाद वह शीर्ष आठ में जगह नहीं बना सकी।

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दो ओलंपिक खेल चुकी पिस्टल निशानेबाज हीना सिद्धू ने मनु का बचाव करते हुए कहा ,‘‘ जो लोग यह कहने में देर नहीं लगा रहे कि मनु दबाव का सामना नहीं कर सकी। मैं इतना जानना चाहती हूं कि पिस्टल में खराबी के कारण उसका कितना समय खराब हुआ। उसने दबाव के आगे घुटने नहीं टेके बल्कि उसका सामना करके अच्छा प्रदर्शन किया।' उन्होंने कहा ,‘‘ 34 मिनट से भी कम समय में 575 स्कोर करना बताता है कि वह मानसिक रूप से कितनी दृढ है। खिलाड़ियों का आंकड़ों के आधार पर आकलन करना बंद कीजिये। मनु और देसवाल दोनों ने शानदार प्रदर्शन किया और मिश्रित टीम में वे अधिक मजबूती से उतरेंगी ।'' हीना के पति रौनक पंडित भारतीय पिस्टल टीम के कोच भी हैं।