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चेन्नई : लंबे समय से टेस्ट टीम से बाहर रहे भारत के चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव का कहना है कि अगर वह इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में पांच फरवरी से होने वाले पहले टेस्ट मुकाबले में खेले तो उनके लिए यह एक बार फिर से पदार्पण करने जैसा होगा। कुलदीप लंबे समय से टेस्ट टीम से बाहर चल रहे हैं। उन्हें हाल ही में संपन्न हुए भारत और ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज के लिए टीम में लिया गया था लेकिन एक भी मुकाबले में वह अंतिम एकादश में शामिल नहीं रहे थे। कुलदीप ने आखिरी बार 2018-19 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे में टेस्ट मैच खेला था।

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भारत और इंग्लैंड के बीच पांच फरवरी से चार टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला खेला जाना है और कुलदीप का कहना है कि वह टेस्ट टीम में वापसी के लिए तैयार हैं और अगर वह इस मुकाबले में खेलते हैं उनके लिए यह एक बार फिर से पदार्पण करने जैसा होगा। कुलदीप ने कहा कि करीब दो वर्षों के लंबे अंतराल के बाद मैं टेस्ट मैच खेला तो यह दोबारा पदार्पण करने जैसा होगा। मैं टीम के लिए बेहतर प्रदर्शन करना चाहता हूं और हमेशा की तरह 100 फीसदी देना चाहता हूं। पदार्पण करने में अजीब सी बैचेनी होती है और अभी मैं वैसा ही महसूस कर रहा हूं। ऐसे मौके पर दबाव भी होता है।

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उन्होंने कहा कि सभी लोग आपको देखते हैं और आपसे काफी उम्मीदें होती हैं। जब टीम बेहतर कर रही हो तो आप भी उसमें अपना योगदान देना चाहते हैं। लेकिन जब आप टीम में नहीं होते हैं तो आपको लगता है कि मुझे खेलना चाहिए था। हालांकि टीम संयोजन को देखते हुए खिलाड़ी को समझना पड़ता है कि उन्हें क्यों बाहर रखा गया है।

चाइनामैन गेंदबाज ने कहा कि यह बहुत जरुरी है कि कप्तान आपकी मेहनत को किस तरह देख रहा है। अजिंक्या रहाणे और टीम प्रबंधन के लिए भी ऑस्ट्रेलिया दौरे में मुझे अंतिम एकादश में शामिल नहीं करने का फैसला कठिन रहा होगा। लेकिन मेरी प्रक्रिया और काम में कोई बदलाव नहीं आया। रहाणे ने मेरे लिए जो शब्द कहे उससे मुझे काफी खुशी हुई क्योंकि जब आप अंतिम एकादश में शामिल नहीं होता और ऐसे में अगर कप्तान आपका समर्थन कर रहा है तो इससे काफी प्रेरणा मिलती है।