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शेटराउ : अनुभवी प्रशासक रनिंदर सिंह और मशहूर कोच जसपाल राणा समेत भारतीय निशानेबाजी समुदाय ने शनिवार को कहा कि खेलो इंडिया परियोजना से कुछ हासिल नहीं हो रहा और राष्ट्रीय महासंघ के अधीन जूनियर कार्यक्रम फिर शुरू होना चाहिए। केंद्र सरकार के खेलो इंडिया खेल का मार्ग प्रशस्त करने के लिये भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) जूनियर कार्यक्रम को बंद कर दिया गया था।

पेरिस ओलंपिक में दो कांस्य जीतने वाली मनु भाकर समेत कई निशानेबाजों को लंबे अनुभव का फायदा मिला है। लेकिन जसपाल और रनिंदर जैसे विशेषज्ञों का मानना है कि अगर विकास कार्यक्रम का पूरा नियंत्रण महासंघ को नहीं दिया गया तो लॉस एंजिलिस ओलंपिक 2028 में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहेगा। रनिंदर ने कहा कि अगर आपको लॉस एंजिलिस के लिए टीम चाहिये तो मेरा जूनियर कार्यक्रम वापिस कीजिए। एनआरएआई को इसे चलाने दीजिए। फिर इसे खेलो इंडिया कहिए या कुछ और। लेकिन अगर सरकार चलाती रही तो हमारे पास लॉस एंजिलिस के लिए टीम नहीं होगी। 

उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया से कुछ नहीं मिल रहा। राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय किसी भी स्तर पर। उन्होंने कहा कि निशानेबाजी में अगर आपको खिलाड़ी को तैयार करना है और उसे रोज 1000 कारतूस नहीं चाहिए। उसे रोजाना 100 कारतूस दिए जाते हैं और उसके प्रदर्शन पर नजर रखी जाती है। भारत में हर कोई कोच है। पूर्व राष्ट्रीय कोच और मनु के निजी कोच जसपाल ने कहा कि मैं पूरी तरह से सहमत हूं। खेलो इंडिया जूनियर कार्यक्रम ही है। बस सब कुछ महासंघ के हाथ से लेकर इसे खेलो इंडिया बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह कैसे संभव है कि एक साल के भीतर खेलो इंडिया से पदक मिलने लगे। क्योंकि आपने सर्वश्रेष्ठ को चुना लेकिन उन्हें तैयार करने में 8 साल लगे हैं। जूनियर कार्यक्रम फिर शुरू होना चाहिए।