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एडीलेड : भारतीय उपकप्तान अजिंक्य रहाणे ने मंगलवार को स्वीकार किया कि उनकी टीम केा तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा की कमी खलेगी लेकिन आस्ट्रेलिया के खिलाफ गुरूवार से शुरू हो रहे दिन रात के टेस्ट में टीम संयोजन को लेकर सवालों का जवाब नहीं दिया। कप्तान विराट कोहली के पहले टेस्ट के बाद पितृत्व अवकाश पर स्वदेश लौटने के बाद रहाणे बाकी तीन टेस्ट में कप्तानी कर सकते हैं। 

उन्होंने गुलाबी गेंद की बढ़ी हुई रफ्तार से गेंदबाजों के सामने आने वाली चुनौती पर भी बात की। रहाणे ने वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘हमारे पास मजबूत आक्रमण है लेकिन हमें ईशांत की कमी खलेगी। वह सबसे सीनियर तेज गेंदबाज है।' ईशांत को आईपीएल के दौरान पसली में चोट लगी थी। रहाणे ने हालांकि यकीन जताया कि ईशांत की गैर मौजूदगी में जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी की अगुवाई में तेज गेंदबाज अच्छा प्रदर्शन करेंगे। 

उन्होंने कहा, ‘उमेश, सैनी, सिराज, बुमराह और शमी सभी अच्छे गेंदबाज हैं और उनके पास अनुभव भी है। उन्हें पता है कि यहां कैसी गेंदबाजी करनी है।' उन्होंने कहा, ‘यह नई श्रृंखला है जो गुलाबी गेंद से शुरू होगी। लय हासिल करना जरूरी है। मेरा मानना है कि हमारे गेंदबाज 20 विकेट ले सकते हैं।' सलामी जोड़ी के बारे में पूछने पर रहाणे ने कहा कि मैच की पूर्व संध्या पर इस बारे में फैसला लिया जाएगा। भारत के पास मयंक अग्रवाल, पृथ्वी साव, शुभमन गिल और केएल राहुल के विकल्प हैं ।वहीं विकेटकीपिंग के लिये ऋषभ पंत और रिधिमान साहा के विकल्प हैं। 

रहाणे ने कहा, ‘अभी टीम संयोजन तय नहीं हुआ है। कल हम बैठक करेंगे और उसके बाद एक और दिन और अभ्यास सत्र है। इस पर तब बात की जाएगी। सभी समान रूप से प्रतिभाशाली है और सभी हमारे लिए मैच जीतने का माद्दा रखते हैं। यह खिलाड़ियों पर भरोसा रखने की बात है।' उन्होंने इस बारे में भी कोई ठोस जवाब नहीं दिया कि सीनियर स्पिनर आर अश्विन की क्या भूमिका होगी लेकिन कहा कि पहले टेस्ट में उनका हरफनमौला कौशल काफी काम आएगा। 

उन्होंने कहा, ‘अश्विन की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। वह अनुभवी गेंदबाज है और उसके पास विविधता है। बतौर गेंदबाज और बल्लेबाज उसकी भूमिका काफी अहम है।' गुलाबी गेंद से टेस्ट में दिन ढलने के दौरान का सत्र काफी अहम होता है और उस पर काफी तैयारी की जा रही है। रहाणे ने कहा कि उस 40 से 50 मिनट के दौरान गेंद की रफ्तार काफी तेज हो जाती है। उन्होंने कहा, ‘नई गुलाबी गेंद की रफ्तार सूर्यास्त के समय काफी तेज हो जाती है। ऐसे में बल्लेबाजों के लिये फोकस करना मुश्किल होता है।' 

उन्होंने कहा, ‘लाल गेंद से हम दिन भर खेलते हैं तो रफ्तार में अचानक बदलाव नहीं आता है लेकिन गुलाबी गेंद से 40-50 मिनट के भीतर गति अचानक बदल जाती है। उस समय सही सामंजस्य बिठाना जरूरी है।' उन्होंने तैयारियों के बारे में कहा, ‘पृथकवास चुनौतीपूर्ण था, खासकर पहले 14 दिन लेकिन खुशकिस्मती से हमें रियायत मिली और हम अभ्यास कर सके। हमारी तैयारी अच्छी है और अभ्यास मैचों से काफी मदद मिली।'