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नई दिल्ली : पूर्व भारतीय ऑलराउंडर इरफान पठान (Irfan Pathan) ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की बहरामपुर लोकसभा सीट जीतने पर अपने बड़े भाई यूसुफ पठान को बधाई दी। भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के आंकड़ों के अनुसार, अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले यूसुफ ने अनुभवी कांग्रेस राजनेता और मौजूदा सांसद अधीर रंजन चौधरी को 85,022 वोटों के अंतर से हराया है। 

इरफ़ान ने एक्स पर लिखा- लाला @iamyusufpathan अपने नेक काम में अटूट विश्वास के साथ, आपने अनुभवी राजनेताओं पर जीत हासिल करने की कठिन यात्रा शुरू की। ईमानदारी और अटूट संकल्प के साथ, आपके नेक इरादे परिवर्तनकारी कार्यों में तब्दील हो जाएं, जिससे हमारे देश के नागरिकों का जीवन समृद्ध हो। मेरा भाई जीत गया।

 

सुफ ने राजनीति में आने के टीएमसी के प्रस्ताव को स्वीकार करने के बाद कहा था कि ऊपरवाले का रहम, करम बोलें (इसे भगवान की दया, आशीर्वाद कहें), मुझे हमेशा लगता है कि मैं बड़े मैचों, क्षणों का गवाह बनते रहा हूं। उन्होंने कहा था कि मुझे बस उनके लिए बल्लेबाजी करनी है। मैं राजनेता नहीं बनना चाहता। मैं एक खिलाड़ी की अपनी छवि बरकरार रखना चाहता हूं। लेकिन जीतने के बाद, मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए काम करूंगा और सुनिश्चित करूंगा कि मैं कम से कम महीने में आठ दिन यहां रहूं।

 

बता दें कि पश्चिम बंगाल की 40 लोकसभा सीटों में से ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने 22 सीटें जीत ली हैं और वर्तमान में 7 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि भाजपा ने 6 सीटें जीत ली हैं और छह अन्य सीटों पर भी आगे है। ईसीआई आंकड़ों के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने राज्य में एक सीट जीती है। नतीजों में बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने बहुमत का आंकड़ा छू लिया है और देश में लगातार तीसरी बार अपनी सरकार बनाने जा रही है।


वीरेंद्र सहवाग की कमर में चोट के कारण बड़ौदा के इस खिलाड़ी को पाकिस्तान के खिलाफ टी20 विश्व कप फाइनल (24 सितंबर, 2007) में पदार्पण का मौका मिला। मध्यक्रम में खेलने वाले इस बल्लेबाज ने पारी का आगाज करते हुए आठ गेंद में एक छक्का और एक चौके की मदद से 15 रन बनाए और अपने बेखौफ खेल का नजारा पेश किया। उन्होंने आईपीएल 2010 में मुंबई इंडियंस के खिलाफ 37 गेंद में शतक ठोका, जो इस लीग के सबसे तेज शतकीय पारियों में से एक है। आईपीएल के 2008 में पहले सत्र के दौरान ही उन्होंने अपने हरफनमौला खेल से अपनी टीम को चैंपियन बनाने में अहम योगदान दिया। उन्होंने 179 की स्ट्राइरेट से 435 रन बनाने के अलावा आठ विकेट भी चटकाए थे। वह 2011 में केकेआर से जुड़े और सात साल तक इस टीम के अहम सदस्य रहे।