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नॉटिंघम : कार्यवाहक कप्तान स्मृति मंधाना (112) के पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय शतक के बाद पदार्पण करने वाली स्पिनर श्री चरणी (12 रन देकर चार विकेट) की शानदार गेंदबाजी की बदौलत भारतीय महिला टीम ने शनिवार को यहां पहले मैच में इंग्लैंड को 97 रन से हराकर पांच मैचों की श्रृंखला में 1-0 से बढ़त हासिल की। यह महिला टी20 अंतरराष्ट्रीय में इंग्लैंड की सबसे बड़ी हार है। 

भारत की इस जीत के साथ ही मंधाना ने इतिहास रच दिया है क्योंकि अब वह हर प्रारूप में शतक जड़ने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन गईं। उनकी यह पारी टी20 अंतरराष्ट्रीय में भारत की सर्वश्रेष्ठ पारी है। मंधाना ने इस तरह हरमनप्रीत कौर की 103 रन की पारी को पीछे छोड़ दिया। शुरू से ही आक्रामक रवैया अख्तियार करने वाली मंधाना की 15 चौके और तीन छक्के जड़ित 62 गेंद की पारी की बदौलत भारत ने पांच विकेट पर 210 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। यह इंग्लैंड में भारतीय महिला टीम का टी20 अंतरराष्ट्रीय में सर्वोच्च स्कोर भी है। 

वहीं विश्व भर में केवल पांच खिलाड़ियों ने महिला क्रिकेट में सभी प्रारूपों में शतक बनाने की बड़ी उपलब्धि हासिल की है। मंधाना के अलावा इंग्लैंड की हीथर नाइट और टैमी ब्यूमोंट, दक्षिण अफ्रीका की लॉरा वोलवार्ड्ट और ऑस्ट्रेलिया की बेथ मूनी इस खास लिस्ट में शामिल हैं।

भारतीय गेंदबाजों ने इंग्लैंड की टीम को शुरू से ही दबाव में ला दिया और पावरप्ले तक उसके तीन विकेट झटक लिए। कप्तान नैट साइवर ब्रंट (66 रन) के अर्धशतक के बावजूद मेजबान टीम 14.5 ओवर में 113 रन ही बना सकी। बाएं हाथ की स्पिनर श्री चरणी ने एलिस कैप्से के रूप में अपना पहला टी20 अंतरराष्ट्रीय विकेट हासिल किया। इस 20 साल की गेंदबाज ने 3.5 ओवर में 12 रन देकर चार विकेट झटके। दीप्ति शर्मा ने तीन ओवर में 32 रन देकर दो और राधा यादव ने दो ओवर में 15 रन देकर दो विकेट झटके। अमनजोत कौर और अरूधंती रेड्डी ने एक एक विकेट झटके। 

इससे पहले नियमित कप्तान हरमनप्रीत की अनुपस्थिति में टीम की अगुआई कर रही मंधाना और शेफाली वर्मा (20 रन) ने पहले विकेट के लिए 8.3 ओवर में 77 रन की भागीदारी निभाई। शेफाली के आउट होने के बाद भी मंधाना इसी लय में बल्लेबाजी करती रहीं और उन्होंने हरलीन देओल (23 गेंद में 43 रन) के साथ 94 रन की साझेदारी निभाई। ऑफ स्पिनर एलिस कैप्से की गेंद पर डैनी वाट होज ने 26 रन पर हरलीन को जीवनदान दिया। 

मंधाना ने इंग्लैंड की गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया और उन्होंने चौथे ओवर में बाएं हाथ की स्पिनर लिन्सी स्मिथ की गेंदों पर तीन चौके जड़ दिए। उन्होंने सातवें ओवर में बाएं हाथ की स्पिनर सोफी एक्लेस्टोन की गेंदों पर दो छक्के जड़े। वहीं दूसरी छोर पर देओल ने स्वीप शॉट से बाउंड्री लगाई, पर वह लॉरेन बेल का शिकार बन गईं। 

मंधाना जल्द ही 87 रन तक पहुंच गई जो टी20 में उनका पिछला सर्वश्रेष्ठ स्कोर था। इसके बाद उन्होंने अपने करियर में पहली बार तीन अंकों का आंकड़ा छुआ। उन्होंने तेज गेंदबाज बेल पर लगातार दो चौके जड़कर शतक पूरा किया। मंधाना अंतिम ओवर में एक्लेस्टोन की गेंद पर आउट हुईं। लॉरेन बेल इंग्लैंड के लिए सबसे सफल गेंदबाज रहीं जिन्होंने 18वें ओवर में रिचा घोष (12) और जेमिमा रोड्रिग्स (0) को आउट करके घरेलू टीम को कुछ राहत पहुंचाई। लेकिन तब तक भारत मजबूत स्थिति में पहुंच चुका था। हरमनप्रीत अभ्यास मैच के दौरान सिर पर लगी चोट के कारण एहतियात के तौर पर इस मैच में नहीं खेली।