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नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने इंडियन प्रीमियर लीग के 2009 सत्र के दक्षिण अफ्रीका में आयोजन के दौरान विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा) के कथित उल्लंघन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा अपने पूर्व कोषाध्यक्ष एमपी पांडोव पर लगाए नौ करोड़ 72 लाख रुपए के जुर्माने का भुगतान करने का फैसला किया है। पता चला है कि पांडोव ने बीसीसीआई संविधान के नियम 34 के अंतर्गत हानिपूर्ति के लिए आवेदन किया था। इस नियम के तहत अगर अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए किसी सदस्य पर कोई जुर्माना लगता है तो संगठन उसका भुगतान करता है।            

BCCI पर 82 करोड़ 66 लाख का जुर्माना
भारत में आम चुनाव के कारण 2009 में जब आईपीएल का आयोजन दक्षिण अफ्रीका में किया गया था तब पांडोव बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष थे। फेमा के अंतर्गत बीसीसीआई को दक्षिण अफ्रीका के बैंकों में पैसा स्थानांतरित करने से पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की स्वीकृति लेनी थी लेकिन प्रवर्तन निदेशालय की जांच में पता चला कि बोर्ड ने तब ना तो आरबीआई को सूचित किया और ना ही उससे स्वीकृति ली। बीसीसीआई पर 82 करोड़ 66 लाख जबकि उसके पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन पर 11 करोड़ 53 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। आईपीएल के पूर्व आयुक्त ललित मोदी पर 10 करोड़ 65 लाख का जुर्माना लगा।            

बीसीसीआई ने पांडोव की ओर से जुर्माने के भुगतान की स्वीकृति दे दी है लेकिन साथ ही कहा है कि अगर पांडोव को अगर जानबूझकर गलत का करने या चूक का दोषी पाया जाता है तो उपरोक्त राशि उनसे वापस ली जाएगी। बीसीसीआई के पत्र के अनुसार अगर पांडोव इस फैसले को सफलतापूर्वक चुनौती देते हैं और उन्हें पैसा वापस मिलता है तो उन्हें जरूरी ब्याज के साथ इसे बीसीसीआई को लौटाना होगा।