स्पोर्ट्स डेस्क : वानखेड़े स्टेडियम में मोहम्मद शमी की बेहतरीन गेंदबाजी की बदौलत भारत ने न्यूजीलैंड को 70 रन से हराने में मदद की। शमी ने 7 विकेट लेकर न्यूजीलैंड टीम की कमर तोड़ दी और क्रिकेट विश्व कप इतिहास में 54 विकेट अपने नाम करते हुए भारतीय गेंदबाज जवागल श्रीनाथ और जहीर खान के 44-44 विकेट लेने का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। वह ऐसे पहले गेंदबाज भी बन गए हैं जिन्होंने एक विश्व कप में तीन बार 5 या इससे ज्यादा विकेट लिए। लेकिन शमी को यह सफलता आसानी से नहीं मिली है और इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत के साथ ही कई मानसिक दबावों का भी सामना किया है। उनकी प्रेरणादायक स्टोरी पर एक नजर-
बचपन से ही था क्रिकेट का शौंक
शमी को बचपन से ही क्रिकेट से प्यार था और वह तेज गेंदबाजी करते हुए गांव में काफी मशहूर भी थे। 2005 में पिता ने शमी के हुनर को पहचाना और मुरादाबाद ले गए और वहां क्रिकेट कोच वदरुद्दीन के पास उन्होंने अभ्यास शुरू कर दिया। अपने शुरूआती दिनों में वह बंगाल में भी रहे जहां ट्रेनिंग के दौरान अपने पास रहने को छत तक नहीं थी और ऐसे में वह टेंट में रात गुजारते थे।
पिता थे तेज गेंदबाज
उत्तर प्रदेश के अमरोहा में जन्मे शमी के पिता तौसीफ अली अहमद एक किसान थे। जवानी में वह तेज गेंदबाज थे लेकिन मौका न मिल पाने के कारण वह अपने करियर को आगे नहीं बढ़ा पाए।
तीन बार आत्महत्या की कोशिश
शमी ने भारतीय कप्तान रोहित शर्मा से बातचीत में कहा था कि वह परिवारिक कलह से काफी परेशान थे और उनके मन में आत्महत्या का विचार आता रहता था। उन्होंने बताया कि तीन बार आत्महत्या की कोशिश भी की थी।
घरेलू हिंसा और फैच फिक्सिंग के आरोप
शमी ने साल 2014 में हसीन जहां से शादी की थी। दोनों के बीच साल 2018 में विवाद शुरू हो गया और हसीन जहां ने शमी पर घरेलू हिंसा और मैच फिक्सिंग जैसे कई गंभीर आरोप लगाए थे। शमी निर्दोष पाए गए थे।