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शाह आलम (मलेशिया) : युवा अनमोल खरब ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा जिससे भारतीय महिलाओं ने रविवार को यहां बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप के रोमांचक फाइनल में थाईलैंड को 3-2 से पराजित करके इस प्रतियोगिता में अपना पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा। 

पीवी सिंधु की अगुवाई वाली भारतीय महिला टीम ने तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखा तथा दो बार के कांस्य पदक विजेता थाईलैंड को हराया। भारतीय महिलाओं का टीम चैंपियनशिप में यह पहला बड़ा खिताब है जिससे उसका चीन के चेंगदू में 28 अप्रैल से पांच मई तक होने वाले उबेर कप के लिए मनोबल बढ़ेगा। 

अनमोल ने मैच के बाद कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि हमने स्वर्ण पदक जीता क्योंकि यह पहली बार है जब भारत बैडमिंटन एशिया टीम चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीत रहा है।' उन्होंने कहा, ‘यह बड़ी चीज है क्योंकि यहां इतिहास रचा गया है। कल (सेमीफाइनल जीत के बाद) भारत में सब ‘क्रेजी' हो गए थे क्योंकि जापान और चीन जैसे ‘पावरहाउस' को हराना इतनी बड़ी बात है। आज भारत में और टीम में भी धूम से जश्न मनेगा।' 

अनमोल ने कहा, ‘मैं अपना शत प्रतिशत देना चाहती थी क्योंकि मुझ पर कोई भी दबाव नहीं था। हमें पांचवां मैच जीतने का भरोसा था।' भारत ने इससे पहले इस प्रतियोगिता में दो पदक जीते थे। भारतीय पुरुष टीम ने 2016 और 2020 में कांस्य पदक हासिल किए थे। भारत के पूर्व कोच विमल कुमार ने पीटीआई से कहा, ‘यह भारतीय बैडमिंटन के लिए यादगार क्षण है। इसका काफी श्रेय युवा खिलाड़ियों को जाता है। उन्होंने जीत का जज्बा दिखाया और एक दूसरे का समर्थन किया। माहौल उसी तरह का था जैसे भारत की थॉमस कप में जीत के दौरान था। इसलिए यह भारत के लिए विशेष क्षण है।' 

थाईलैंड हालांकि अपनी दो चोटी की खिलाड़ियों विश्व में नंबर 13 रतचानोक इंतानोन और विश्व में नंबर 16 पोर्नपावी चोचुवोंग के बिना इस प्रतियोगिता में उतरा था जिसका भारत को फायदा मिला। चोटिल होने के कारण लगभग चार महीने तक कोर्ट से बाहर रहने वाली दो बार की ओलंपिक पदक विजेता सिंधु ने आक्रामक खेल का नजारा पेश किया और पहले एकल में दुनिया की 17वें नंबर की खिलाड़ी सुपनिडा काटेथोंग को 21-12, 21-12 से हरा कर भारत को 1-0 से बढ़त दिलाई। 

त्रीसा जॉली और गायत्री गोपीचंद की विश्व में 23वें नंबर की जोड़ी ने भी अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा तथाा जोंगकोलफान कितिथाराकुल और राविंडा प्रा जोंगजई की विश्व में दसवें नंबर की जोड़ी को 21-16, 18-21, 21-16 से पराजित करके भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। 

शनिवार को जापान की पूर्व विश्व चैंपियन नोजोमी ओकुहारा के खिलाफ शानदार जीत के बाद अश्मिता चालिहा से काफी उम्मीदें लगाई जा रही थी लेकिन वह दूसरे एकल में विश्व की 18वें नंबर की खिलाड़ी बुसानन ओंगबामरुंगफ़ान से 11-21 14-21 हार गई। युवा श्रुति मिश्रा और सीनियर राष्ट्रीय चैंपियन प्रिया कोन्जेंगबाम को बेन्यापा ऐम्सार्ड और नुनटाकर्न ऐम्सार्ड की दुनिया की 13वें नंबर की जोड़ी से 11-21, 9-21 से हार का सामना करना पड़ा जिससे मुकाबला 2-2 से बराबर हो गया। 

अब भारत को जीत दिलाने का दारोमदार अनमोल खराब पर टिका था जिन्होंने विश्व में 45वें नंबर की खिलाड़ी पोर्नपिचा चोइकीवोंग को 21-14 21-9 से हराकर भारत को स्वर्ण पदक दिला दिया। अनमोल ने कहा, ‘17 साल की उम्र में यह बड़ी उपलब्धि है। अब मुझे कड़ी प्रतिद्वंद्वियों को हराने के लिए और कड़ी मेहनत करनी होगी।' भारत की इस शानदार जीत के बाद सभी खिलाड़ियों ने अनमोल को गले लगा दिया।