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भुवनेश्वरः राष्ट्रीय हाकी टीम में वापसी करने वाले स्ट्राइकर रमनदीप सिंह ने सोमवार को यहां कहा कि भारतीय टीम की पोशाक पहनने की लालसा ने उन्हें प्रेरित किया और मजबूत बनाए रखा। रमनदीप ने करियर प्रभावित करने वाली चोट से उबरकर एक साल बाद एफआईएच पुरूष सीरीज फाइनल्स के लिए टीम में वापसी की है।

पिछले साल जून में पाकिस्तान के खिलाफ चैम्पियन्स ट्राफी मुकाबले में उनके दाएं पैर के घुटने में गंभीर चोट लगी थी। टूर्नामेंट में भारत को गुरुवार को पहला मैच रूस के खिलाफ खेलना है और रमनदीप इस मुकाबले में 348 दिनों के बाद राष्ट्रीय टीम के पोशाक में दिखेंगे।

रमनदीप ने कहा, ‘‘भारतीय टीम की पोशाक पहनने की लालसा ने मुझे इस दौरान मजबूत बनाए रखा। मैं इस सपने को पूरा करने के लिए हार मानने को तैयार नहीं था और मैच फिटनेस हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा था।'' उन्होंने कहा, ‘‘मेरा चयन होने के बाद अब मेरे पास नई पोशाक भी है जिससे मेरा भरोसा और आत्मविश्वास और बढ़ा है। मैं भारत के लिए एक बार फिर से खेलने को लेकर काफी उत्सुक हूं और उस टीम के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ करूंगा जिसने मुश्किल समय में मेरा पूरा साथ दिया।''

भारतीय टीम ने चैम्पियन्स ट्राफी में रजत पदक जीता था जबकि रमनदीप सिंह को सर्जरी के लिए तत्काल स्वदेश लौटना पड़ा। इस स्ट्राइकर ने कहा, ‘‘जब मैंने नीदरलैंड में अपना एमआरआई करवाया, तो डॉक्टर ने कहा कि मैं अगले दो साल तक नहीं खेल पाऊंगा। यह मेरे लिए बहुत बड़ा झटका था। इसके बाद बेंगलुरु में डॉक्टरों ने मुझे कहा कि मैं छह महीने में वापसी कर सकता हूं। इससे मुझे काफी राहत मिली।''