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स्पोर्ट्स डेस्क: भारत के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले दो टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई टीम की हालत बेहद खराब रही। ऑस्ट्रेलिया जहां पहला टेस्ट में पारी और 132 रन से हारा, वहीं दूसरे टेस्ट में उन्हें पहली पारी में बढ़त के बावजूद 6 विकेट से मात दी। ऑस्ट्रेलिया के इस बेहद खराब प्रदर्शन पर भारतीय पूर्व स्पिनर हरभजन ने ऑस्ट्रेलिया टीम को जमकर सुनाया है। उनका कहना है कि अगर यह टेस्ट सीरीज 10 मैचों की होती तो भी भारत 10-0 से जीत जाता।

हरभजन ने कहा कि 2001 में भारत ने घरेलू सीरीज में ऑस्ट्रेलिया टीम को मात दी थी। उन्होंने कहा कि वो ऑस्ट्रेलियाई टीम अब मौजूदा टीम पर गुस्सा निकाल रही होगी कि सीरीज से पहले सिर्फ टीम पिच को लेकर ही बातचीत कर रही थी। हरभजन ने कहा कि ऐसी नाकारत्मक चीजों ने ऑस्ट्रेलिया टीम को प्रभावित किया और इसका अंजाम अब सामने है।

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हरभजन ने कहा, "ऑस्‍ट्रेलियाई टीम स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के डुप्‍लीकेट के खिलाफ अभ्‍यास करती रही, लेकिन मुझे लगता है कि यह ऑस्‍ट्रेलियाई टीम ही अपने आप में डुप्‍लीकेट है। टीम की मानसिकता ऐसी है कि वे नकारात्‍मक चीजों पर ध्‍यान दे रहे हैं। इन्‍हें इससे इतनी ज्‍यादा उलझन हो गई कि टीम पहली गेंद डालने से पहले ही मैच हार गई। ऐसा नहीं लगा कि उन्होनें इस दौरे के लिए कोई भी तैयारी की हो। उनके प्रदर्शन को देखते हुए मुझे लगता है कि उन्‍होंने एकमात्र अभ्‍यास  जो किया है वह यह है कि आउट कैसे होना है।'

उन्होंने आगे कहा, "इसमें कोई शक नहीं कि भारतीय टीम यह सीरीज 4-0 से जीतेगी और अगर यह  सीरीज 10 मैचों की भी होती तो भारतीय टीम ऑस्‍ट्रेलिया को 10-0 से हरा देती, क्‍योंकि इस ऑस्‍ट्रेलियाई टीम में कुछ भी नहीं है। अगर पिच में कुछ होता भी है तो ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ड्रेसिंग रूम से ही अपना विकेट गंवा देते हैं।"