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नई दिल्ली : पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंतखाब आलम सीमा पार अपने सबसे करीबी दोस्त भारतीय महान स्पिनर बिशन सिंह बेदी के निधन के बारे में सुनकर सन्न रह गए। आलम ने लाहौर से फोन पर बातचीत मे बेदी के निधन को व्यक्तिगत क्षति की तरह बताया। उनकी दोस्ती 1971 से चली आ रही थी जब बेदी ने भारतीय टीम के साथ इंग्लैंड का दौरा किया था और आलम ने सरे का प्रतिनिधित्व करते हुए एक मैच में उनका सामना किया था। उसी साल आलम और बेदी दोनों विश्व एकादश टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया के पांच महीने के दौरे पर गए और तब से दोनों करीबी दोस्त हो गए। 

पिछले साल अक्टूबर में बेदी जब करतारपुर साहिब गए थे तब आलम वहां उनसे मिलने पहुंचे थे। सर्वकालिक महान स्पिनरों में से एक को श्रद्धांजलि देते समय आलम भावुक हो गए। उन्होंने कहा, ‘वह महान व्यक्ति था। एक दयालु इंसान, हास्य से भरपूर। जब वह आसपास होते थे तो कभी कोई नीरस क्षण नहीं आता था।' आलम ने कहा, ‘वह बेशक एक विश्व स्तरीय क्रिकेटर थे, लेकिन उससे भी बेहतर इंसान थे। मैंने सीमा के दूसरी तरफ अपना सबसे करीबी दोस्त खो दिया है।' 

आलम जब भी दिल्ली आते थे तो वह बेदी के घर रूकते थे। यह हाल बेदी का भी था वह लाहौर में आलम के घर पर ही रूकते थे। आलम ने करतारपुर में बेदी से आखिरी मुलाकात (2021) का जिक्र करते हुए कहा, ‘आखिरी बार हमारी मुलाकात करतारपुर में हुई थी। हम इतने भावुक हो गए कि पुराने दिनों के बारे में बात करते-करते रो पड़े। हम फोन पर पिछले कुछ समय से बात नहीं कर सके (बेदी के स्वास्थ्य के कारण), लेकिन मेरी पत्नी बिशन की पत्नी के साथ नियमित संपर्क में थी। हमारी दोस्ती के कारण वे दोनों भी अच्छे दोस्त बन गये।' 

आलम ने लंदन के द ओवल में सरे के लिए अपनी बेदी के खिलाफ पहली बार खेलने को याद करते हुए कहा, ‘मैंने उस की गेंद पर कुछ छक्के लगाए और वह मेरे पास आया और बोला ‘टीम में और भी लोग हैं। तुम केवल मेरे पीछे क्यों पड़े हो?' हम उसी पल से एक दूसरे से जुड़ गए।'