नई दिल्ली : आईपीएल में चोट के कारण जब केएल राहुल की सर्जरी हुई तो वह 3-4 सप्ताह तक अपने पैरों पर खड़े भी नहीं हो पाए थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। ऐसे समय में जब क्रिकेट विश्व कप के बारे में सोचना भी मुश्किल था, राहुल ने मजबूती से वापसी की और टूर्नामेंट में 452 रन बनाए। सर्जरी के बाद रिहैबिलिटेशन और भारत में इस साल हुए वनडे विश्व कप में प्रदर्शन के बारे में राहुल ने कहा कि वापसी का दबाव तो था लेकिन मैं उस समय जीवन के सबसे खराब दौर से गुजर रहा था मानो कुछ और मायने नहीं रखता था।
राहुल ने कहा कि सर्जरी के बाद पहले 3-4 सप्ताह तो मैं चल भी नहीं पा रहा था। मैं वॉकर का सहारा लेकर चलने लगा तो भी मुझे लगता था कि विश्व कप नहीं खेल सकूंगा। सर्जरी मई में हुई और सर्जन ने कहा कि पांच महीने वापसी नहीं कर सकूंगा। निश्चित तौर पर सीधे विश्व कप खेलने तो नहीं जा सकता था। कुछ मैचों का अभ्यास जरूरी था लेकिन मैंने सोचा कि इसके बारे में सोचकर तनाव नहीं लेना है। जो होगा देखा जाएगा।
राहुल ने विश्व कप के अपने पहले ही मैच में भारत को खराब शुरूआत से निकालते हुए उन्होंने 97 रन की पारी खेली थी। उन्होंने नीदरलैंड के खिलाफ 62 गेंद में शतक जमाया। पूरे टूर्नामेंट में 11 मैचों में 452 रन बनाए और विकेट के पीछे 15 कैच भी लिए। भारतीय टीम लगातार दस मैच जीतकर विश्व कप फाइनल में पहुंची थी जहां आस्ट्रेलिया ने उसे छह विकेट से हराया । विश्व कप 2019 में भारत को सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने हराया था। उस टूर्नामेंट के बारे में राहुल ने कहा कि हम सभी उस विश्व कप में आत्मविश्वास से भरे थे और हमने सोचा नहीं था कि हम खिताब नहीं जीतेंगे।
वहीं, हार के बाद ड्रेसिंग रूम के माहौल पर राहुल ने कहा कि तब हम सभी काफी जज्बाती हो गए थे। मुझे आज भी याद है क्योंकि इस तरह से सभी को रोते हुए और निराश नहीं देखा था। वह अच्छी याद नहीं है लेकिन हमारे लिए सबक थी। राहुल ने कहा कि आप साल भर कितना भी अच्छा खेलें लेकिन 10, 15 साल बाद जब हम रिटायर होंगे तो हमारे कैरियर को रनों या विकेटों या द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में मिली जीत से याद नहीं रखा जाएगा। हमें विश्व कप से याद रखा जाएगा। इसलिए हम अगली बार बेहतर करना चाहते थे।