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नई दिल्ली : भारत की अनुभवी पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर ने रविवार को संकेत दिया कि बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में अपने निजी कोच जसपाल राणा को साथ ले जाने की अनुमति नहीं मिलने से उनके प्रदर्शन पर असर पड़ा है। उन्होंने एनआरएआई से मामला सुलझाने का अनुरोध किया। महान पिस्टल निशानेबाज राणा 2 साल पहले तोक्यो ओलंपिक से पहले विवाद के बाद भाकर से अलग हो गए थे। अब वह फिर उनके साथ काम कर रहे हैं और पेरिस ओलंपिक का कोटा तथा हांगझोउ एशियाई खेलों में पदक जीतने के लक्ष्य को हासिल करने में उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं।

 

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भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) की नीति है कि अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में निजी कोच साथ नहीं जाते। भाकर ने एशियाई खेलेां के लिये निशानेबाजी टीम के विदाई समारोह में कहा कि मैं उम्मीद कर रही हूं कि जल्दी मामला सुलझ जाएगा। मैंने अनुरोध किया है कि उन्हें (राणा को) मेरे साथ बड़े टूर्नामेंटों में भेजा जाए। हांगझोउ एशियाई खेल 23 सितंबर से शुरू होंगे। भाकर ने कहा कि उम्मीद है कि मामला सुलझ जाएगा। कालिकेश (एनआरएआई अध्यक्ष कालिकेश सिंहदेव) ने मेरा काफी साथ दिया है और हमेशा मदद की है।


उन्होंने कहा कि टीम के कोच भी काफी मदद करते हैं लेकिन मेरा मानना है कि मैं अपने निजी कोच के साथ ही सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाती हूं। यही वजह है कि हम फिर साथ हैं। वह जकार्ता में 2018 एशियाई खेलों में तीन स्पर्धाओं में भाग लेने के बावजूद पदक नहीं जीत सकी थी। उन्हइोंने कहा कि एशियाई खेलों में हमेशा अपेक्षायें रहती है। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करूंगी। मेरा लक्ष्य हमेशा जीतने का ही रहता है।