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नई दिल्ली : लंबे समय से हॉकी इंडिया के हाई परफोरमेंस निदेशक डेविड जॉन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है जबकि कुछ दिन पहले ही भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने उनका अनुबंध बढ़ाया था। ऐसा लगता है कि राष्ट्रीय महासंघ के शीर्ष अधिकारियों से मतभेदों के चलते उन्होंने यह कदम उठाया। साइ ने हाल में जॉन का अनुबंध सितंबर 2021 तक बढ़ा दिया था लेकिन इस आस्ट्रेलियाई ने यह कहते हुए पद से इस्तीफा दे दिया कि लंबे समय से हॉकी इंडिया उनकी अनदेखी कर रहा था।

सूत्रों के अनुसार जॉन ने हॉकी इंडिया और साइ को दिए अपने इस्तीफे में अपने फैसले के लिए व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया है जो उन्होंने दो दिन पहले ही सौंपा था। सूत्रों ने कहा कि हॉकी इंडिया ने उनका इस्तीफा पत्र स्वीकार कर लिया है और उनके आधिकारिक नियोक्ता साइ को अभी इस पर फैसला लेना बाकी है। एक सूत्र ने कहा, ‘डेविड लंबे समय से निराश महसूस कर रहे थे क्योंकि हॉकी इंडिया उनकी अनदेखी कर रहा था। हॉकी इंडिया के शीर्ष अधिकारियों द्वारा टीम के संबंध में महत्वपूर्ण फैसलों में उनकी अनदेखी की गई थी।'

उसने कहा, ‘डेविड को टीम फैसलों में शामिल नहीं किया जाता था और वह सिर्फ कोचों और खिलाड़ियों के लिए ऑनलाइन क्लास ही लेते थे। कोविड-19 महामारी के कारण पांच महीने के ब्रेक ने इस फैसले में ‘ट्रिगर' का काम किया।' जॉन को अपने पद से 12,000 डॉलर का मासिक वेतन मिल रहा था और वह मार्च के बाद कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के बाद से नई दिल्ली में अपने घर से काम कर रहे थे। जॉन से इसकी पुष्टि के लिए संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

वह 2011 से भारतीय हॉकी से जुड़े थे, जब उन्हें मुख्य कोच माइकल नोब्स के साथ पुरूष टीम के फिजियो के तौर पर नियुक्त किया गया था। भारतीय टीम के फिटनेस का स्तर बेहतर करने वाले जॉन ने लंदन ओलंपिक 2012 के बाद इस्तीफा दे दिया था लेकिन 2016 में हाई परफार्मेंस निदेशक बनकर आए।