खेल डैस्क : कैनेडा के विनिपेग में चल रही वर्ल्ड पुलिस गेम्स में पी.ए.पी. जालन्धर के हैड कॉन्स्टेबल संदीप लॉरैंस ने 400 मीटर हर्डल में हिस्सा लेते हुए गोल्ड मैडल जीत लिया है। गांव चमियारा के रहने वाले संदीप ने 2014 में पहली बार ऑल इंडिया पुलिस गेम्स में गोल्ड मैडल जीता था। इसके बाद वह पुलिस विभाग में ऑन ड्यूटी रहे। करीब 8 साल बाद उन्होंने फिर से अपनी गेम शुरू की और देश भर के कंपीटिशन में हिस्सा लेना शुरू कर दिया। इसी बीच वर्ल्ड पुलिस गेम्स के लिए उनका चुनाव हो गया।
संदीप ने बताया कि वर्ल्ड गेम्स में नामी एथलीट्स पहुंचे थे। वहां कड़ा कंपीटिशन हुआ जिसमें वह गोल्ड जीतने में सफल रहे। विनिपेग में भारतीय प्लेयर्स को स्पोर्ट करने के लिए बड़ी संख्या में समर्थक भी पहुंचे थे। कंपीटिशन मैनिटोबा विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय स्टेडियम में करवाया गया था जहां बड़ी संख्या में भारतीय स्टूडेंट भी पढ़ते हैं। ट्रैक एंड फील्ड के मुकाबले 1 अगस्त से शुरू हुए थे जबकि 6 अगस्त को फाइनल मुकाबले करवाए गए।
संदीप ने बताया कि वह अपना मैडल पिता हरबंस सिंह और संतोष कुमारी को समर्पित करते हैं। मां-बाप उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा है जिनके सपोर्ट के बिना यहां तक का सफर संभव नहीं था। इसके अलावा हैप्पी चमियारा ने मोटिवेट किया। वह मशहूर कबड्डी प्लेयर रहे जिनको देखकर मैं खेलों में आया। पुलिस विभाग में एसएचओ हरदीप सिंह से बहुत कुछ सीखने को मिला।
संदीप ने कहा कि उनका आगामी टारगेट एशियन गेम्स हैं। वह उम्मीद में हैं कि एशियन गेम्स के लिए क्वालिफाई कर लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ेंगे और ओलिम्पिक तक पहुंचेंगे। संदीप बोले- गेम कोई भी हो उसके लिए विभाग का सपोर्ट बेहद जरूरी होता है। अगर आपका विभाग आपको मोटीवेट करता है तो यह आपको दुनिया जीत लेने के लिए प्रेरित करता है। संदीप ने इसी के साथ मैडल जीतने के बाद पुलिस विभाग में पदोन्न्ति मिलने की उम्मीद भी जगाई।
वर्ल्ड पुलिस गेम्स में चौथे स्थान पर रहा भारत
भारतीय पुलिसकर्मियों ने वर्ल्ड पुलिस गेम्स में शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 194 मैडल जीते। कनाडा 204 गोल्ड के साथ 512 मैडल जीतकर पहले स्थान पर रहा। अमरीका ने 230 गोल्ड के साथ 484 मैडल जीते। ब्राजील ने 75 गोल्ड के साथ 202 मैडल जीते जबकि भारत ने 123 गोल्ड, 51 सिल्वर, 20 ब्रॉन्ज के साथ 194 मैडल जीते।