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नई दिल्ली : सुनील सुब्रहमण्यम को हमेशा यह मलाल रहा कि नब्बे के दशक में देश के सर्वश्रेष्ठ बाएं हाथ के स्पिनरों में होते हुए भी वह भारतीय टीम में जगह नहीं बना सके लेकिन उनके शिष्य रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने अपनी उपलब्धियों से उनके जख्मों पर मरहम जरूर लगा दिया है। 57 वर्ष के सुब्रहमण्यम ने अश्विन को शुरूआती दिनों में स्पिन गेंदबाजी का ककहरा सिखाया। उनका कहना है कि भारत के इस अनुभवी आफ स्पिनर का जन्म ही टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए हुआ था।

 


उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास था कि वह अच्छा टेस्ट गेंदबाज बनेगा। पहले वह प्रदेश के लिए मैच विनर बना और फिर देश के लिए। उस समय यह कहना मुश्किल था कि उसका सफर इतना लंबा होगा। जब सफर की शुरूआत हुई तो लगा कि उसका कैरियर लंबा रहेगा। उन्होंने कहा कि सच कहूं तो हमें नहीं लगा था कि वह 100 टेस्ट खेलेगा लेकिन मुझे पता था कि हमें एक अच्छा टेस्ट क्रिकेटर मिल गया है। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सफल कैरियर के बावजूद उनकी पहचान अश्विन के बचपन के कोच के रूप में है और उन्हें इसका मलाल भी नहीं है। उन्होंने कहा कि जब मैं 2007 में उससे तमिलनाडु क्रिकेट संघ के गेंदबाजों के शिविर में मिला तभी सफर की शुरूआत हुई। हमें अगली पीढ़ी के गेंदबाजों को तलाशना था।

 

 

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उन्होंने कहा कि वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट से टेस्ट क्रिकेट में गया और उसकी गेंदबाजी में निखार आता गया। मुझे लगता है कि वह टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए ही पैदा हुआ था। 37 वर्ष की उम्र में भी अश्विन के शानदार फॉर्म को देखते हुए सुब्रहमण्यम को नहीं लगता कि वह निकट भविष्य में खेल को अलविदा कहेगा। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अभी वह 3 से 4 साल और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल सकता है। उसने 25 वर्ष की उम्र में पदार्पण किया था। 

 

 

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भारतीय क्रिकेट में काफी प्रतिस्पर्धा है और पिछले 10 साल में भारत का गेंदबाजी आक्रमण काफी मजबूत हुआ है। पिछले 9 साल में उसकी गेंदबाजी भारतीय आक्रमण की धुरी रही है। उन्होंने कहा कि उसके पास स्थिरता है और बाकी चीजों से उसका ध्यान नहीं भटकता। यह युवाओं के लिए सबक है कि खेल पर फोकस रखने से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।

 


मुकाबले की बात करें तो इंग्लैंड ने जैक क्रॉली की बदौलत अच्छी शुरूआत की थी। लेकिन कुलदीप यादव (5/72) और रविचंद्रन अश्विन (4/51) ने शानदार गेंदबाजी कर मेहमान टीम को पहली पारी में 218 रन पर रोक दिया। जैक क्रॉली ने 108 गेंदों पर 11 चौकों और एक छक्के की मदद से 79 रन बनाए। इसके बाद भारत ने पहली पारी में यशस्वी जयसवाल (57) और रोहित शर्मा (52*) अर्धशतकों की बदौलत 1 विकेट के नुकसान पर 135 रन बना लिए हैं। वह अभी इंगलैंड के स्कोर से 83 रन पीछे है। स्टंप तक रोहित के साथ शुभमन गिल 26 रन बनाकर क्रीज पर बने हुए हैं। 


 

दोनों टीमों की प्लेइंग इलेवन 
भारत : यशस्वी जायसवाल, रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, देवदत्त पडिक्कल, रवींद्र जडेजा, सरफराज खान, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज, जसप्रीत बुमराह।
इंग्लैंड : जैक क्रॉली, बेन डकेट, ओली पोप, जो रूट, बेन स्टोक्स (कप्तान), जॉनी बेयरस्टो, बेन फॉक्स (विकेटकीपर), टॉम हार्टले, शोएब बशीर, मार्क वुड, जेम्स एंडरसन।