खेल डैस्क : बॉम्बे जिमखाना क्लब में खेलते हुए एक बार हरमीत के लिए दिवंगत दिलीप सरदेसाई ने कहा था कि ये सरदार इंडिया खेलेगा एक दिन। भारत के लिए दो अंडर 19 क्रिकेट विश्व कप खेलने वाले हरमीत ने क्रिकेट में निपुण होने के लिए वह सब कुछ किया जो उसे करना चाहिए था लेकिन एक चीज जो वह नहीं सीख पाए वह थी क्रिकेट में राजनीति को संभालना। 2009 में डैब्यू करने वाले हरमीत बताते हैं कि वह 2017 तक मुंबई के लिए 9 प्रथम श्रेणी मैच खेले। 2012 में अंडर 19 विश्व कप खेलने के बावजूद वह स्पष्ट नहीं थे कि मुंबई के लिए खेल पाएंगे। एम.सी.ए. पदाधिकारी ने आश्वासन दिया था कि उन्हें पूरा सीजन खेलने का मौका मिलेगा। कुछ खिलाड़ियों ने उन्हें टैस्ट की तैयारी करने को कहा।
हरमीत ने ईरानी ट्रॉफी खेली लेकिन मुंबई ने उन्हें रणजी ट्रॉफी में नहीं चुना। 2013 में आईपीएल स्कैंडल ने उनका जीवन बदल दिया। वह मुंबई से विदर्भ गए। वहां से जम्मू कश्मीर। फिर दोबारा मुंबई में लौटे लेकिन उन्हें पर्याप्त मौके नहीं मिल पाए। आखिर उन्हें यू.एस.ए. का रुख करना पड़ा। हरमीत टी20 विश्व कप 2024 में यू.एस.ए. के खेलने वाले प्रमुख क्रिकेटर हैं। हरमीत उन प्लेयरों की उदाहरण है जो अक्सर भारतीय क्रिकेट में पक्षपात की शिकायत करते आए हैं। हरमीत के पिता जसबीर ने कहा कि बेटा अक्सर फोन पर रोते हुए कहता था कि मेरी बात नहीं सुनी जा रही। प्रदर्शन करने के बावजूद मौका नहीं मिल रहा। जसबीर बताते हैं कि मैंने तब हरमीत को राज्य बदलने को कहा। वह आगे बढ़ता गया और अब नियति ने फैसला कर लिया है कि वह यू.एस.ए. के लिए खेलेगा।
भारत के लिए 2010 और 2012 में 2 अंडर 19 विश्व कप खेल चुके हरमीत का नाम 2013 स्पॉट फिक्सिंग घोटाले में घसीटा गया। वह राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेल रहे थे। उन्होंने कहा कि लोग कभी भी कहानी में मेरा पक्ष नहीं सुनना चाहते थे, मीडिया ने वही लिखा जो उन्हें पसंद आया। 2013 में आई.पी.एल. स्पॉट फिक्सिंग घोटाले में मेरा नाम कहीं नहीं था, लेकिन किसी ने कहा कि वह भी इसमें शामिल है और लोगों ने इसकी पुष्टि किए बिना लिखा। जांच अधिकारी ने खुद कहा कि बेटा, तूने कुछ नहीं किया है, मैं बीसीसीआई से बात करूंगा। अगर वे कुछ भी करते हैं, तो कृपया मुझे कॉल करें। लेकिन मैं लोगों की धारणा नहीं बदल सका। मुंबई उपनगर के भीड़भाड़ वाले अंधेरी स्टेशन के पास एक कार चालक को लापरवाही से ड्राइव करते देखा गया। कार चालक की तस्वीरें सामने आई तो उसे हरमीत समझ लिया गया। एक फिक्सिंग कांड ऊपर से ड्राइविंग विवाद, टीम साथियों और दोस्तों ने हरमीत से दूरी बना ली। हरमीत ने कहा कि वह वो कार वाला व्यक्ति नहीं था। उन्हें क्लीन चिट भी मिली।
मां के अंतिम संस्कार में नहीं जा पाए
हरमीत ने कोविड-19 के वक्त बुरा वक्त भी देखा। उनकी मां अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। किसी तरह रेमडेसिविर इंजैक्शन का इंतजाम किया गया लेकिन यह काम न आ सका। भावुक हरमीत ने बताया कि उस दिन मुझे मेरे जीवन का सबसे कठिन क्षण देखने को मिला। मैं मां की अंतिम रस्मों में जा नहीं सका। मैंने वीडियो कॉल पर उनका पूरा अंतिम संस्कार देखा। मैं बस सुन्न हो गया था; सब कुछ फ्लैशबैक में चला गया। वो मुझे रोज मैदान तक ले जाती थी, ये सफर हमने साथ जिया। मुझे दुख है कि वह यह दिन नहीं देख सकी।
अमेरिका ने दिया मौका
हरमीत कहते हैं- 2020 की शुरुआत में यू.एस.ए. से फोन आया और उनसे भविष्य में आयोजित होने वाली मेजर क्रिकेट लीग का हिस्सा बनने की इच्छा जताई। यू.एस.ए. बोर्ड ने उन्हें तीन साल का अनुबंध सौंपा जिसके बाद हरमीत ने भारत में खेल के सभी प्रारूपों से संन्यास लिया। नियम के मुताबिक हरमीत ने राष्ट्रीय टीम में जाने से पहले अमेरिका में 30 महीने बिताए। इस दौरान वह छोटे-मोटे काम करते रहे। पैट्रोप पंप और मॉल में काम किया। बच्चों को कोचिंग दी। आखिर मार्च 2023 में उन्होंने राष्ट्रीय टीम के लिए पात्रता हासिल की। बीते दिनों ही यू.एस.ए. ने जब बांग्लादेश को हराया तो हरमीत ने मैच में 13 गेंदों पर 33 रन बनाए थे। हरमीत बताते हैं- अमेरिका में क्रिकेट का माहौल अलग है। इसमें राजनीति नहीं है। मुंबई में मैंने देखा था कि अगर वे अवसर देना चाहते हैं तो आपको पेठ भरके (ढेर सारे मौके) देंगे अगर नहीं तो एक भी नहीं। भले ही आप 5 से 10 विकेट क्यों न ले लें। अब मैं यू.एस.ए. टीम में अकेला भारतीय नहीं हूं। मेरे साथ मुंबई टीम के साथी सौरभ नेत्रवलकर और मिलिंद कुमार हैं, जो त्रिपुरा के लिए खेल चुके हैं। ड्रेसिंग रूम का माहौल अच्छा है और प्रतिभाएं मौजूद हैं, उम्मीद है कि हमारा विश्व कप अच्छा होगा।