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स्पोर्ट्स डेस्क(राहुल): 21 जुलाई 1996 को जन्मे भारतीय युवा गोल्फर शुभांकर शर्मा छोटी उम्र में बड़ी कामयाबी हासिल करने के करीब पहुंच चुके हैं। माैजूदा समय में चल रही विश्व गोल्फ चैंपियनशिप में तीसरे दौर के बाद सभी को हैरान करते हुए दो शॉट की बढ़त कायम रखी। 21 वर्षीय शुभांकर ने तीसरे दौर में दो अंडर 69 का कार्ड खेला जिससे अब अगले 18 होल उनके लिए काफी अहम रहेंगे। अगर वह खिताब जीत जाते हैं तो वह विश्व गोल्फ चैम्पियनशिप जीतने वाले सबसे युवा गोल्फर बन जाएंगे। इससे पहले पैट्रिक रीड ने 23 साल की उम्र में 2014 में यह खिताब हासिल किया था।  

शुभांकर 42 बार के पीजीए टूर विजेता फिल मिकेलसन (65), टायरेल हैटन (64), र्सिगयो गार्सिया (69) और राफा काबरेरा बेलो (69) पर बढ़त बनाए हुए हैं। दुनिया के नंबर एक और गत चैम्पियन डस्टिन जानसन ने 68 का कार्ड खेला जिससे वह संयुक्त रूप से छठे स्थान पर हैं और शुभांकर से तीन शाॅट पीछे हैं।  

यूरोपियन टूर में शुभांकर का सफर
शुभांकर जब 16 साल के थे तो वह एशियन टूर आैर यूरोपियन टूर में अपना समय व्यतीत करते थे। वह अभी महज 21 साल के हैं, लेकिन इतने कम समय में वह दो यूरोपीयन टूर अपने नाम कर चुके हैं। उन्होंने 11 दिसंबर 2017 को पहले साउथ अफ्रीका के गोल्फर एरिक वेन रूएन को हराकर जोबर्ग ओपन जीता। उन्होंने 3 अंडर 69 का कार्ड अंतिम दिन खेला और 54 होल के गेम में एक भी बोगी नहीं की। दक्षिण अफ्रीका में हुए इस टूर्नामेंट में शुभांकर का स्कोर −23 (69-61-65-69=264) रहा। वह 3 स्ट्रोक के फर्क से जीते थे। इसके बाद उन्होंने दूसरा यूरोपियन टूर 4 फरवरी 2018 को स्पेन के गोल्फर जार्ज कैंपिलो के खिलाफ 2 स्ट्रोक के फर्क से जीत दर्ज कर मेबैंक चैंपियनशिप का खिताब जीता था। इसी के साथ शुभांकर ने पहली बार टाॅप 100 गोल्फर की लिस्ट में नाम दर्ज किया था। 
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(मेबैंक चैंपियनशिप खिताब के साथ शुभांकर)


प्रोफेशनल गोल्फ टूर आॅफ इंडिया में जीत का रिकाॅर्ड-
- 2014 पीजीटीआई कोचीन मास्टर्स
- 2016 पीजीटीआई प्लेयर्स चैम्पियनशिप, कोलकाता क्लासिक, टाटा ओपन
- 2017 ओपन गोल्फ चैम्पियनशिप, मैक्लिओड रसेल टूर्नामेंट चैंपियनशिप

शुभांकर की कामयाबी के पीछे अनिर्वण लाहिड़ी के पिता का हाथ 
शुभांकर को एक बेहतरीन गोल्फर बनाने के पीछे अनिर्वण लाहिड़ी के पिता तुषार लाहिड़ी का बड़ा हाथ है। लाहिड़ी आैर शुभांकर के पिता मोहन लाल शर्मा भारतीय सेना के सदस्य़ थे आैर दोनों एक ही कैंप में तैनात थे। लाहिड़ी के पिता डाॅक्टर थे, जिन्होंने शुभांकर की बहन का डिलिवरी केस हैंडल किया था। आपको बता दें कि डाॅ. लाहिड़ी ने शुभांकर से मिलने के बाद उसके पिता मोहन से कहा था कि वह अपने बेटे को गोल्फ प्लेयर बनाएं। शर्मा परिवार में कोई भी कभी गोल्फ नहीं खेला हुआ था पर शुभांकर ने 7 साल की उम्र में ही गोल्फ के प्रति अपना उत्साह दिखाया आैर अब वह माैजूदा विश्व गोल्फ चैंपियनशिप में सबसे बड़े खिलाड़ी उभरकर सामने आए हैं। 
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रैंकिंग में लगाई बड़ी छलांग
दो बार यूरोपियन टूर जीतने वाले शुभांकर ने गोल्फ रैंकिंग में बड़ी छलांग लगाई है। वह विश्व गोल्फ चैंपियनशिप में अच्छा प्रदर्शन कर 75वें रैंकिंग पर आ चुके हैं। इसी के साथ वह अनिर्वण लाहिड़ी को पीछे छोड़ भारत के टाॅप रैंकिंग के गोल्फर बन चुके हैं। लाहिड़ी एक भारतीय प्रोफेशनल गोल्फर हैं। वह यूरोपीयन, एशियन तथा पीजीए टूअर में खेलते हैं। इन्होंने 2016 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों में क्वालीफाई किया था।