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स्पोर्ट्स डेस्क: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पर्थ में खेले गए दूसरे टेस्ट में भारत को 146 रन से हार का सामना करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 287 रन का लक्ष्य रखा था, जिसके जवाब में भारत की दूसरी पारी केवल 140 रन पर ही सिमट गई और सीरीज में एक- एक की बराबरी कर ली। भारतीय टीम की गेंदबाजी की बता करे तो 4 पैसरों को खिलाने का फैसला टीम के लिए सही नही रहा और स्पिन गेंदबाजी को टीम में ना रखकर भारत को पर्थ में हार का मुहं देखना पड़ा। सीरीज का तीसरा टेस्ट 26 दिसंबर से मेलबर्न में खेला जाएगा, जिसे बॉक्सिंग-डे टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं कि कौन से 5 पांच कारण थे, जिसका खामियाजा भारत को पर्थ टेस्ट हारकर भुगतना पड़ा। 

पर्थ में स्पिनर को मौका न देना
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भारत और आॅस्ट्रेलिया के बीच पर्थ टेस्ट में सबसे बड़ा एक्स फैक्टर स्पिनर रहा। अाॅस्ट्रेलिया आॅफ स्पिनर नाथन लियोन ने मैच में कुल 8 विकेट झटकने वाले लियोन को पर्थ टेस्ट में मैन आॅफ द मैच चुना गया। भारतीय टीम के प्रमुख आॅफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन चोटिल होने की वजह से दूसरे टेस्ट से बाहर हुए। कोहली के पास उनकी जगह रवींद्र जडेजा को शामिल करने का मौका था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। भारत ने चार विशेष तेज गेंदबाजों के साथ मैदान संभाला। नतीजा अब सभी के सामने है।

भारतीय टीम की सलामी जोड़ी रही फैल
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टीम इंडिया के ओपनर्स ने पर्थ में कोई कमाल नहीं दिखा पाए। एडिलेड के बाद पर्थ में भी भारत के दोनों ओपनर्स ने निराश किया। केएल राहुल और विजय से विशेषकर क्रिकेट जगत के लोग काफी नाराज हैं क्योंकि उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। कोहली के पास अनुभवी पार्थिव पटेल और अन्य बल्लेबाज मौजूद हैं, जो ओपनिंग कर सकते हैं। तो बार-बार राहुल और विजय को मौका देना। 

नंबर-6 और टैलेंडर्स फ्लॉप रहे
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टीम इंडिया के नंबर-6 बल्लेबाज की समस्या दूर होने का नाम ही नहीं ले रही है। एडिलेड में रोहित शर्मा को आजमाया गया, जो सफल नहीं हुए और फिर चोटिल होने के बाद पर्थ टेस्ट से बाहर हो गए। पर्थ में हनुमा विहारी पर भरोसा जताया गया, लेकिन वे भी सफल नहीं रहे। 

भारतीय बल्लेबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन
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विराट कोहली मैच में अकेले शतकवीर रहे। मगर अन्य भारतीय बल्लेबाज बड़ी पारियां खेलने में सफल नहीं हो पा रहे हैं। अजिंक्य रहाणे ने जरूर अर्धशतक जमाया, लेकिन दूसरी पारी में वह कुछ खास नहीं कर सके। विराट कोहली अपने बल्लेबाजों को प्रोत्साहित करने में नाकाम हो रहे हैं कि वह क्रीज पर जाकर बेहतरीन प्रदर्शन करें।

आॅस्ट्रेलिया के निचले क्रम के बल्लेबाजों को खुलकर खेलने देना 
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भारत के निचले क्रम के बल्लेबाज बिलकुल भी प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं जबकि आॅस्ट्रेलिया के टैलेंडर्स टीम का स्कोरबोर्ड बढ़ाने में काफी ज्यादा योगदान देते आ रहे हैं। पर्थ टेस्ट की पहली पारी में आॅस्ट्रेलिया के प्रमुख बल्लेबाज 251 रन के योग पर पवेलियन लौट चुके थे। विराट कोहली ने अपने गेंदबाजों को आराम देना ठीक समझा, जिसका परिणाम उन्हें भुगतना पड़ा क्योंकि आॅस्ट्रेलिया को पहली पारी के आधार पर 43 रन की बढ़त मिली, जो निर्णायक साबित हुई।