खेल डैस्क : एमए चिदम्बरम स्टेडियम में कोलकाता नाइट राइडर्स की खिताबी जीत के बाद मेंटोर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) सर्वाधिक चर्चा में रहे। सीजन की शुरूआत से पहले ऑक्शन के दौरान गौतम गंभीर को उनके फैसलों को लेकर ट्रोल किया जा रहा था लेकिन केकेआर ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई जहां श्रेयस अय्यर की कप्तानी में टीम हैदराबाद के खिलाफ जीत दर्ज करने में सफल रही। इस दौरान गंभीर के इस सीजन में लिए गए इन पांच फैसलों पर सर्वाधिक चर्चा हुई।
नरेन को ओपनिंग देना
सुनील नरेन को वापसी ओपनिंग पर लाना गंभीर का फैसला रहा। गंभीर अपनी कप्तानी में कोलकाता को दो बार आईपीएल खिताब दिला चुके हैं। इस दौरान नरेन ही उनके लिए ओपनिंग सलॉट पर बल्लेबाजी करते नजर आए थे। नरेन इस सीजन अपनी पुरानी पोजीशन पर वापस लौटे और कमाल का प्रदर्शन करते हुए 500 से ज्यादा रन बनाए। यही नहीं गेंद के साथ भी उन्होंने 17 विकेट भी अपने नाम किए।
स्टार्क पर विश्वास करना
आईपीएल ऑक्शन में जब केकेआर ने स्टार्क पर 24.75 करोड़ की बोली लगाई थी तो इसे विशेषज्ञों ने गलत फैसले बताया था। स्टार्क शुरूआती मैचों में विकेट भी नहीं निकाल पाए थे। उन्होंने पहले 12 मैचों में केवल 12 ही विकेट लिए लेकिन गंभीर ने उनपर भरोसा बनाए रखा। स्टार्क ने इसका मूल्य उतारते हुए प्लेऑफ के बाद 2 मैचों में ही 5 विकेट लेकर अपनी टीम के लिए यादगारी प्रदर्शन किया।
प्लेइंग 11 स्थाई रखी
कोलकाता की टीम प्लेइंग 11 को लेकर भ्रम में नहीं दिखी। बेंच स्ट्रेंथ में मनीष पांडे, अंकुल राय, नितिश राय, रदरफोर्ड, चेतन सकारिया के होने के बावजूद मध्यक्रम में वेंकटेश अय्यर, रिंकू सिंह और आंद्रे रसेल पर भरोसा जताए रखा। कोलकाता के लिए ओपनिंग पर फिल सॉल्ट अच्छे रहे। लेकिन उनके वापसी मुड़ते ही रिजर्व विकेटकीपर गुरबाज को मौका दिया जोकि खरे उतरे। स्थाई प्लेइंग 11 रखने से भी कोलकाता को फायदा हुआ।
नए गेंदबाजों पर भरोसा जताया
गंभीर ने नए गेंदबाजों वैभव अरोड़ा, हर्षित राणा पर भरोसा जताया और युवाओं ने शानदार प्रदर्शन भी किया। वैभव ने इस सीजन में जहां 11 विकेट लिए तो वहीं, हर्षित 19 विकेट लेने में सफल रहे। गंभीर ने रघुवंशी और सुयश शर्मा का मौका दिया जिन्होंने चुनिंदा मुकाबलों में टीम को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मध्यक्रम की गेंदबाजी रही जोरदार
मिडिल ओवर्स के दौरान कोलकाता के गेंदबाज कमाल रहे। इस सीजन में कोलकाता के लिए 7 से 15 ओवरों में वरुण चक्रवर्ती ने 17, सुनील नरेन ने 13 तो आंद्रे रसेल ने 12 विकेट निकाले। इसके बाद राजस्थान के युजी चहल (12) और दिल्ली के कुलदीप चहल (12) का नाम आता है। यानी अन्य फ्रेंचाइजी की ओर से कोई भी गेंदबाज मिडिल ओवर्स में 12 विकेट ले ही नहीं पाया। इसका सीधा फायदा कोलकाता को हुआ।
बता दें कि यह कोलकाता नाइट राइडर्स की तीसरी खिताब जीत है। 2012 में कोलकाता ने चेन्नई सुपर किंग्स को 5 विकेट से तो 2014 में पंजाब को 3 विकेट से हराकर खिताब जीते थे। अब 10 साल बाद कोलकाता इतिहास दोहराने में सफल रही।