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मुंबईः भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अजीत वाडेकर का राजकीय सम्मान के साथ शुक्रवार को शिवाजी पार्क के शवदाह गृह में अंतिम संस्कार किया गया। वाडेकर के वर्ली स्थित घर में उनका पार्थिव शरीर तिरंगे में लपेट कर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। वाडेकर को श्रद्धांजलि देने वालों में सचिन तेंदुलकर, विनोद कांबली, नीलेश कुलकर्णी और अन्य लोग शामिल थे। वाडेकर का लंबी बीमारी के कारण बुधवार को निधन हो गया था।  
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वाडेकर को भारत सरकार ने 1967 में अर्जुन अवॉर्ड और 1972 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया। 1971 में अजीत वाडेकर की अगुवाई में भारत ने इंग्‍लैंड में पहली बार जीत दर्ज की थी। लॉर्ड्स और ओल्‍ड ट्रेफर्ड में खेले गए पहले दो मैच के ड्रा हो जाने के बाद ओवल टेस्‍ट में भारतीय टीम ने मेजबान टीम को चार विकेट के हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। अजीत वाडेकर ने 1966 से 1974 तक क्रिकेट खेला। 

वाडेकर ने अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत 1958 में की थी, जबकि अतंरराष्‍ट्रीय कॅरियर की शुरुआत 1966 में की थी। वहीं प्रधामनंत्री नरेंद्र मोदी अौर राष्ट्रपति कोविंद ने पूर्व क्रिकेटर अजीत वाडेकर के निधन पर गहरा शौक व्यक्त किया।
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वाडेकर के निधन से हुए नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती
वाडेकर को सचिन तेंदुलकर ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि वाडेकर के निधन से हुए नुकसान की भरपायी नहीं हो सकती । सचिन ने कहा, ''जनता के बीच वाडेकर की ख्याति एक महान क्रिकेट खिलाड़ी के रूप में है जबकि मेरे लिए वह एक महान खिलाड़ी के साथ एक महान व्यक्ति भी थे। वाडेकर मेरे लिए एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे और समय के साथ हमारे संबंध और प्रगाढ़ होते गये।'' 
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वाडेकर का दक्षिण मुंबई स्थित जसलोक अस्पताल में 77 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी के कारण 15 अगस्त को निधन हो गया था। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और इंग्लैंड में खेल रही टीम इंडिया ने उन्हें कल श्रद्धांजलि दी थी। भारत के पूर्व विकेटकीपर और बीसीसीआई के महा प्रबंधक (क्रिकेट आपरेशन) सबा करीम ने भी वाडेकर को श्रद्धांजलि दी। करीम ने कहा कि उनकी उम्र के लगभग सभी क्रिकेट खिलाड़ी उनका अनुसरण करते थे। वाडेकर बायें हाथ के एक बहुत ही बेहतरीन बल्लेबाज थे और उनके निधन से किक्रेट जगत को बहुत बडा नुकसान हुआ है। पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी समीर दिघे, विनोद कांबली, हॉकी के पूर्व कप्तान एम एम सोमैया ने भी वाडेकर को श्रद्धांजलि दी।