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दोहा: नॉकआउट में पहले ही जगह बना चुके गत चैंपियन फ्रांस को बुधवार को यहां शुरुआती एकादश में नौ बदलाव का खामियाजा ट्यूनीशिया के खिलाफ 0-1 की हार के साथ भुगतना पड़ा, लेकिन इस जीत के बावजूद अफ्रीकी टीम टूर्नामेंट से बाहर हो गई जबकि ऑस्ट्रेलिया ने ग्रुप डी के एक अन्य मैच में डेनमार्क को 1-0 से हराकर अंतिम 16 में प्रवेश किया। दोहा के एजुकेशन सिटी स्टेडियम में दुनिया की 30वें नंबर की टीम ट्यूनीशिया ने फ्रांस पर अधिकांश समय दबदबा बनाए रखा और कप्तान वाहबी खाजरी ने 58वें मिनट में मौजूदा टूर्नामेंट में टीम का पहला गोल दागकर उसे जीत दिलाई। इस हार से भले ही ग्रुप में फ्रांस की स्थिति पर असर नहीं पड़ा हो, लेकिन निश्चित तौर पर यह शिकस्त उसके लिए शर्मनाक है। 

फ्रांस के लिए इंजरी टाइम के आठवें मिनट में एंटोनी ग्रिजमैन ने गोल दाग दिया था लेकिन वह ऑफ साइड हो गए जिससे गोल को नकार दिया गया। दूसरी तरफ अल वाकराह के अल जेनोब स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया ने मैथ्यू लेकी के 60वें मिनट में दागे गोल से दुनिया की 10वें नंबर की टीम डेनमार्क को ग्रुप चरण से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया। लेकी का गोल ऑस्ट्रेलिया और डेनमार्क मुकाबले का आकर्षण रहा। लेकी को मैदान के लगभग बीच में पास मिला और वह अकेले ही डेनमार्क की रक्षापंक्ति को भेदते हुए आगे बढ़ते रहे। उन्होंने विरोधी टीम के गोलमुख के समीप पहुंचकर बाएं पैर से शॉट लगाया और डेनमार्क के गोलकीपर कास्पर श्माइकल बाईं ओर कूदने के बावजूद गेंद को गोल में जाने से नहीं रोक पाए। 

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छठी बार विश्व कप में खेल रहे ट्यूनीशिया की विश्व कप में यह सिर्फ तीसरी जीत है और इस दौरान टीम कभी नॉकआउट में जगह नहीं बना पाई। उसने पहली जीत 1978 में मैक्सिको के खिलाफ और दूसरी जीत चार साल पहले रूस में पनामा के खिलाफ दर्ज की थी। ऑस्ट्रेलिया की भी विश्व कप के 19 मैचों में यह सिर्फ चौथी जीत है लेकिन इसकी बदौलत टीम 2006 के बाद दूसरी बार नॉकआउट में प्रवेश करने में सफल रही। ग्रुप डी में फ्रांस की टीम ट्यूनीशिया के खिलाफ हार के बावजूद तीन मैच में दो जीत से छह अंक के साथ शीर्ष पर रही। ऑस्ट्रेलिया के भी तीन मैच में दो जीत से छह अंक रहे लेकिन फ्रांस की टीम प्लस तीन के गोल अंतर के कारण उससे आगे रही। ऑस्ट्रेलिया का गोल अंतर माइनस एक रहा। 

ट्यूनीशिया ने अपने अभियान का अंत तीन मैच में एक जीत, एक ड्रॉ और एक हार से चार अंक के साथ तीसरे स्थान पर रहते हुए किया जबकि यूरोपीय चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचा डेनमार्क तीन मैच में एक ड्रॉ और दो हार के बाद एक अंक के साथ निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए अंतिम पायदान पर रहा। चार दिसंबर को होने वाले प्री क्वार्टर फाइनल में अब फ्रांस का सामना ग्रुप सी में दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम से होगा जबकि ऑस्ट्रेलिया ग्रुप सी में शीर्ष पर रहने वाली टीम से भिड़ेगा। मौजूदा चैंपियन फ्रांस 1998 में पहला विश्व कप जीतने के बाद ग्रुप चरण में कभी अपने तीनों मैच नहीं जीत पाया है। उसने 1998 में ग्रुप चरण के तीनों मैच जीते और फिर खिताब भी हासिल किया।

मौजूदा कोच दिदिएर डेसचैम्प्स उस समय टीम के कप्तान थे। दोनों टीम के अब तक के प्रदर्शन को देखते हुए फ्रांस की टीम जीत की प्रबल दावेदार थी लेकिन उसने मौजूदा टूर्नामेंट में तीन गोल करने वाले काइलन एमबापे और दो गोल करने वाले ओलीवियर गिरोड के अलावा एंटोनी ग्रिजमैन को भी शुरुआती एकादश में शामिल नहीं किया। ट्यूनीशिया ने मुकाबले की आक्रामक शुरुआत की और फ्रांस की रक्षा पंक्ति को शुरू से ही दबाव में डाल दिया। शुरुआती एकादश में नौ बदलाव का असर फ्रांस के प्रदर्शन में दिखा। ऐसा लगा कि ट्यूनीशिया ने शुरुआत में ही फ्रांस की रक्षा पंक्ति की कमजोरी को भांप लिया और इसका फायदा उठाने की पूरी कोशिश की। ट्यूनीशिया ने आठवें मिनट में ही गोल दाग दिया, लेकिन यह ऑफ साइड हो गया। बेन रोमधानी अली के खिलाफ फाउल पर ट्यूनिशिया को फ्री किक मिली जिस पर कप्तान वाहबी खाजरी ने शानदार शॉट लगाया। खाजरी की फ्री किक को नादिर घांदरी ने गोल में डाल दिया, लेकिन वह ऑफ साइड हो गए जिससे गोल को नकार दिया गया। फ्रांस ने 25वें मिनट में अच्छा मूव बनाया। 

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यूसुफ फोफाना ने बॉक्स के अंदर किंगस्ले कोमन को पास दिया, लेकिन गोल की तरफ खेला उनका शॉट बेहद कमजोर और दिशाहीन रहा। खाजरी ने 34वें मिनट में लंबी दूर से ऑरेलिन चोआमेनी और फ्रांस के कप्तान राफेल वेरेन के बीच से दनदनाता हुआ शॉट मारा लेकिन गोलकीपर स्टीव मनदांदा ने उनके शॉट को रोक दिया। ट्यूनीशिया ने भी 42वें मिनट में शानदार मूव बनाया। एनिस सलिमाने ने गेंद खाजरी की ओर बढ़ाई लेकिन कप्तान दाएं छोर से शॉट लगाते हुए गोलमुख के सामने एलयेस स्किरी को क्रॉस देने में नाकाम रहे। दूसरे हाफ में भी ट्यूनीशिया ने लगातार हमले जारी रखे। टीम को इसका फायदा 58वें मिनट में मिला जब फोफाना की गलती से गेंद स्किरी के पास पहुंची जिन्होंने इसे खाजरी को पहुंचाया और खाजरी ने अकेले ही लंबी दौड़ लगाते हुए तीन डिफेंडरों को छकाने के बाद तेजतर्रार शॉट से गोल दाग दिया।

बढ़त हासिल करने के बाद ट्यूनीशिया ने रक्षात्मक खेल दिखाया, क्योंकि इस मुकाबले में जीत ऑस्ट्रेलिया और डेनमार्क का मुकाबला ड्रॉ होने की स्थिति में उसे नॉकआउट में पहुंचा देती। डेनमार्क की जीत पर भी ट्यूनीशिया के पास नॉआउट में जाने का मौका होता। फ्रांस ने इस बीच ओस्मान डेम्बेले, ग्रिजमैन और एमबापे को स्थानापन्न खिलाड़ी के रूप में मैदान पर उतारा दिया। इस तिकड़ी ने ट्यूनीशिया के रक्षात्मक खेल का फायदा उठाकर कुछ आक्रामक फुटबॉल खेला लेकिन गोल करने में सफलता नहीं मिली। एमबापे को 89वें मिनट में गोल करने का मौका मिला, लेकिन उनके तेज शॉट को गोलकीपर एमेन दाहमेन ने नाकाम कर दिया। एक मिनट बाद रेंडल कोलो मुआनी का शॉट गोलकीपर के दाईं ओर से बाहर निकल गया। घांदरी ने इंजरी टाइम के दूसरे मिनट में एमबापे के खिलाफ फाउल किया जिससे फ्रांस को बॉक्स से समीप फ्री किक मिली लेकिन एमबापे इसका फायदा नहीं उठा पाए। ग्रिजमैन ने इंजरी टाइम के आठवें मिनट में गोलमुख के समीप अफरातफरी का फायदा उठाकर गोल दाग दिया लेकिन यह ऑफ साइड हो गया।