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रेकेवेक ,आइसलैंड ( निकलेश जैन ) यूएसए के स्टार ग्रांड मास्टर हिकारु नाकामुरा आखिरकार फीडे फिशर रैंडम विश्व शतरंज विजेता बन गए है और यह शतरंज के किसी भी फॉर्मेट में उनका पहला विश्व खिताब है । हिकारु नें फाइनल मुक़ाबले में एक रोमांचक टाईब्रेक में रूस के यान नेपोमिन्सी को मात देकर विश्व चैंपियनशिप अपने नाम की । दोनों के बीच फाइनल के चारों 960 मुकाबलों के बाद स्कोर 2-2 था

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ऐसे में टाईब्रेक के लिए अरमागोडेन बाजी खेली गयी जिसमें नाकामुरा नें सफ़ेद मोहरो से हाथी के एंडगेम में 48 चालों में बाजी अपने नाम करते हुए 3-2 से फाइनल जीत लिया और रूस के नेपोमिन्सी को एक बार फिर उपविजेता के स्थान से संतोष करना पड़ा ।

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विश्व क्लासिकल चैम्पियन नॉर्वे के मेगनस कार्लसन नें उज्बेकिस्तान के विश्व रैपिड चैम्पियन नोदिरबेक अब्दुसत्तारोव को 3-1 से मात देते हुए तीसरा स्थान और कांस्य पदक हासिल किया ।

वैसे तो हम शतरंज के तीन प्रमुख फॉर्मेट क्लासिकल ,रैपिड और ब्लिट्ज़ को ज्यादा जानते है पर पिछले कुछ वर्षो से विश्व शतरंज संघ नें पूर्व विश्व शतरंज चैम्पियन यूएसए के बॉबी फिशर द्वारा ईजाद किए गए फिशर रैंडम शतरंज को भी अधिकृत तौर पर आयोजित करने का फैसला किया है ।

इस फॉर्मेट में शतरंज के मोहरो की शुरुआती स्थिति को हर मैच में बदल दिया जाता है । बॉबी द्वारा ऐसी 960 स्थितियों का निर्माण किया गया था और इसीलिए इसे 960 शतरंज भी कहा जाता है । दरअसल ऐसा करने से शतरंज की ओपनिंग से सबन्धित सारा ज्ञान जैसे बेमतलब रह जाता है और खिलाड़ियों को हर बार नई स्थिति का आकलन करना होता है ।