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पर्थ : भारत के लिए टेस्ट पदार्पण करने वाले नीतिश कुमार रेड्डी (Nitish Reddy) ने स्वीकार किया कि तेज गेंदबाजों की मददगार पर्थ की पिच पर बल्लेबाजी करने से पहले वह ‘नर्वस' थे लेकिन मुख्य कोच गौतम गंभीर की सलाह से उनका हौसला बढ़ाया। नीतिश ने बताया कि गंभीर ने उन्हें कहा था कि बाउंसर गेंदों का सामना ऐसे करो जैसे कि ‘आप देश के लिए गोली खा रहे हों' नीतिश ने 59 गेंद में 41 रन की दिलेर पारी खेल यहां के ऑप्टस स्टेडियम में टीम के स्कोर को 150 रन तक पहुंचाने में मदद की। उन्होंने ऋषभ पंत (27) के साथ 48 रन की अहम साझेदारी पेश की।

 


उन्होंने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा कि मैंने पर्थ विकेट (पिच) के बारे में बहुत कुछ सुना है। बल्लेबाजी से पहले मन में थोड़ी घबराहट थी। मेरे दिमाग में यह बात थी कि हर कोई पर्थ के विकेट पर उछाल के बारे में बात कर रहा था। मुझे हालांकि हमारे आखिरी अभ्यास सत्र के बाद गौतम सर के साथ हुई बातचीत याद आ गई। इस युवा हरफनमौला ने कहा कि वह कह रहे थे कि ‘आपको बाउंसर का सामना उसी तरह से करना है जैसे की आप देश के लिए गोली खा रहे हो'। कोच की इस बात से मेरा हौसला बढ़ा। उन्होंने जब ऐसा कहा तो मुझे लगा कि देश के लिए मुझे गोली खाने की जरूरत है। यह सबसे अच्छी बात है जो मैंने गौतम सर से सुनी है।

 


नीतीश ने स्वीकार किया कि हाल ही में मेलबर्न में भारत ए के लिए खेलने से उन्हें ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों को समझने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी शुरुआत थी, कोई स्वप्निल पारी नहीं बल्कि एक अच्छी शुरुआत थी। ईमानदारी से कहूं तो भारत ए श्रृंखला से मुझे काफी मदद मिली क्योंकि यह ऑस्ट्रेलिया में खेलने का मेरा पहला अनुभव था। उन्होंने कहा कि भारत की तुलना में यहां के पिच काफी अलग है। यहां गेंद को काफी उछाल मिलती है।

 

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मुझे लगा कि यहां (एमसीजी की तुलना में) गेंदबाजों के लिए अधिक मदद थी। उन्होंने ऑफ स्पिनर नाथन लियोन के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि मुझे लगा कि पिच से तेज गेंदबाजों को मदद मिल रही है तो मुझे रन बनाने का मौका ढूंढना होगा। जब लियोन बल्लेबाजी के लिए आए तो मैंने 2-3 गेंद परखने के बाद महसूस किया कि उन्हें पिच से मदद नहीं मिल रही थी। इसलिए मैंने उनके खिलाफ रन बनाने का फैसला किया।