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लखनऊ : भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह को बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत बीएसए पद पर नियुक्ति में उनकी शैक्षिक योग्यता आड़े आ रही है, जिसके चलते उनकी फाइल रोक दी गई है। इस बारे में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि आगे जो भी निर्देश होंगे, उस आधार पर कदम उठाए जाएंगे। खेलों के लिए सुविधाओं के विकास और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन को प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। 

विगत आठ सालों में एक तरफ ग्रामीण स्तर तक स्पोट्र्स इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हुआ है तो दूसरी तरफ पदक विजेता खिलाड़ियों को सम्मानजनक पुरस्कार राशि देने के साथ उन्हें सरकारी नौकरी की सुविधा दी जा रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों के माध्यम से देश-प्रदेश का मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने के मामले में उत्तर प्रदेश देश का अग्रणी राज्य है। इसी क्रम में एक माह पहले पूर्व मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने 11 खिलाड़यिों को विभिन्न विभागों में नौकरी ऑफर किया था, जिसमें रिंकू सिंह को बेसिक शिक्षा अधिकारी के पद पर जॉइनिंग करने की संस्कृति की गई थी। 

रिंकू सिंह की नौकरी में सबसे बड़ी बाधा उनकी शैक्षिक योग्यता आड़े आ रही है। इस बारे में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि रिंकू सिंह की फाइल मुख्यमंत्री के समक्ष रखी गई थी, पर शैक्षिक योग्यता न होने से रोक दी गई है। बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल का कहना है कि रिंकू सिंह से उनकी शैक्षिक योग्यता के डॉक्यूमेंट प्रस्तुत करने के लिए पत्र भेजा गया था। जिसके बाद पूरी फाइल मुख्यमंत्री को संस्तुति के लिए भेजी गया थी। लेकिन शैक्षिक योग्यता की कमी के चलते फाइल रोक दी गई है। 

उनका कहना है कि अभी उनके नौकरी की प्रक्रिया को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। आगे जो भी निर्देश होंगे, उससे अवगत कराया जाएगा। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार बीएसए पद पर तैनाती के लिए अभ्यर्थी को पोस्ट ग्रेजुएट होना अनिवार्य है। स्पोर्ट्स कोटा के तहत रिंकू सिंह को यह पद पर नौकरी ऑफर किया गया था मगर मौजूदा समय रिंकू सिंह केवल कक्षा आठवीं पास है। यदि इस पद पर नियुक्ति मिल भी जाती तो उन्हें सात साल के अंदर पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री हासिल करनी पड़ती। पर उनकी मौजूदा शैक्षिक योग्यता और सरकार द्वारा तय समय अवधि की सीमा में योग्यता पूरी नही हो सकती है। यही वजह है कि उनकी नियुक्ति को फिलहाल, रोक दिया गया है।