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नई दिल्ली : भुवनेश्वर में अगले महीने होने वाले एफआईएच पुरुष जूनियर हॉकी विश्व कप के लिए भारत आने वाली विदेशी टीमों को पृथकवास से छूट दी गयी है और उन्हें अपने प्रवास के दौरान केवल कोविड-19 के लक्षणों के लिए खुद पर निगरानी रखने की जरूरत होगी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में खेल मंत्रालय में संयुक्त सचिव एल एस सिंह के अनुरोध के बाद यह निर्णय किया। 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने हालांकि कहा कि सभी टीमों को आवश्यक स्वास्थ्य सुरक्षा कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। एफआईएच पुरुष जूनियर विश्व कप भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में 25 नवंबर से पांच दिसंबर के बीच खेला जाएगा। मेजबान भारत अभी इस टूर्नामेंट में मौजूदा चैंपियन है। विदेशी टीमों को जिन अनिवार्य प्रोटोकॉल का अनुसरण करना होगा उनमें सभी भागीदारों का भारत के लिये रवानगी से कम से कम 72 घंटे पहले आरटी-पीसीआर कोविड-19 परीक्षण तथा यूरोप और मध्य पूर्व से आने वाली टीमों के लिए हवाई अड्डे पर अनिवार्य परीक्षण करवाना शामिल है। 

स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने सिंह को भेजे गये पत्र में लिखा है, ‘सभी प्रतिभागी भारत पहुंचने के बाद 14 दिन तक अपने स्वास्थ्य पर स्वयं निगरानी रखेंगे और यदि उनमें कोविड-19 का कोई लक्षण पाया जाता है तो वे खुद को अलग कर लेंगे और कार्यक्रम के आयोजकों / निकटतम कोविड स्वास्थ्य सुविधा / राष्ट्रीय या राज्य हेल्पलाइन को इसकी रिपोर्ट करेंगे।' 

इसके अलावा सभी प्रतिभागियों को कम से कम सार्वजनिक संपर्क में रहना होगा तथा उन्हें कोविड के लिए उपयुक्त व्यवहार का पालन करना होगा, जैसे कि पूरे टूर्नामेंट के दौरान मास्क पहनना, शारीरिक दूरी बनाए रखना, हाथों की सफाई आदि। पत्र में आगे कहा गया है कि यदि भारतीय प्रवास के दौरान किसी भागीदार में कोविड-19 के लक्षण पाये जाते हैं तो उसका आरटी-पीसीआर परीक्षण किया जाएगा और उसके संपर्क में रहने वाले लोगों को भी खेल विभाग को पृथकवास पर भेजना होगा। 

भारत के अलावा इस टूर्नामेंट में कोरिया, मलेशिया, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, अमेरिका, कनाडा, चिली, अर्जेंटीना और पोलैंड की टीमें भाग लेंगी। पोलैंड को इंग्लैंड की जगह शामिल किया गया है जो कोविड-19 से जुड़े यात्रा प्रतिबंधों के कारण टूर्नामेंट से हट गया था।