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बेंगलुरु : दक्षिण क्षेत्र के तेज गेंदबाजों ने गुरुवार को यहां दलीप ट्रॉफी फाइनल के दूसरे दिन पश्चिम क्षेत्र के स्टंप तक 129 रन के स्कोर पर सात विकेट झटककर पहले दिन टीम के खराब प्रदर्शन की भरपायी करने में मदद की। पश्चिम की टीम अब भी दक्षिण क्षेत्र से 84 रन से पिछड़ रही है। इससे पहले दक्षिण क्षेत्र की टीम पहली पारी में 213 रन पर सिमट गयी थी जिसने सुबह सात विकेट पर 182 रन से खेलना शुरु किया था। 

पृथ्वी शॉ और हार्विक देसाई ने पश्चिम क्षेत्र को एक विकेट पर 97 रन के स्कोर तक पहुंचाया। शॉ ने अपनी 65 रन की पारी के दौरान कुछ शानदार शॉट लगाये। शॉ बड़ी पारी की ओर बढ़ रहे थे और साफ दिख रहा था कि दक्षिण के गेंदबाजों को दूसरे विकेट की साझेदारी तोड़ने के लिए कुछ विशेष करना होगा। और यह काम शायद 65 मिनट के बारिश के ब्रेक ने कर दिया जो दूसरे सत्र में आयी। इससे दक्षिण क्षेत्र के गेंदबाजों को अपनी रणनीति पर दोबारा विचार करने का समय भी मिल गया। 

ब्रेक के बाद मैदान पर उनके गेंदबाजों के बदले रवैये को स्पष्ट देखा जा सकता था। वी विजयकुमार ने शॉ और हार्विक देसाई (21 रन) को अपनी शॉर्ट पिच गेंदबाजी से परेशान किया। विद्वत कावेरप्पा ने हार्विक देसाई को आउट कर यह भागीदारी तोड़ी। वी विजयकुमार ने शॉ को अपर कट शॉट खेलने के लिए बाध्य किया और यह थर्ड मैन पर खड़े विद्वत कावेरप्पा के हाथों में समा गया। उन्होंने 101 गेंद की पारी के दौरान नौ बाउंड्री लगाई। 

सूर्यकुमार यादव ने अपने चिर परिचित टी20 क्रिकेट अंदाज में खेलना शुरू किया और इसी चक्कर में एक बार आउट होने से बचे। लेकिन जल्द ही उनकी पारी का अंत हो गया, मुंबई का यह बल्लेबाज विद्वत कावेरप्पा की गुडलेंथ गेंद पर हनुमा विहारी के हाथों कैच आउट हुआ। विद्वत कावेरप्पा ने जल्द ही सरफराज खान को पगबाधा आउट किया जो खाता भी नहीं खोल सके। इससे आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी और अब जिम्मेदारी चेतेश्वर पुजारा के कंधों पर थी लेकिन यह अनुभवी बल्लेबाज इस दफा इसे निभाने में असफल रहा। विद्वत कावेरप्पा की गेंद पर आर समर्थ के कैच ने पुजारा की पारी खत्म की।