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स्पोर्ट्स डेस्क : पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर को लगता है कि पृथ्वी शॉ अन्य भारतीय क्रिकेटरों की तरह दबाव में हैं और चाहते हैं कि वह बस इस पल को जिएं और अपने खेल का आनंद लें। मुंबई के युवा बल्लेबाज ने श्रीलंका के खिलाफ पहले वनडे में 24 गेंदों में 43 रन बनाकर भारतीय टीम में वापसी की घोषणा की। शॉ की शानदार शुरूआत के साथ ही शिखर धवन (86*) और ईशान किशन (59) की अर्धशतकीय पारियों की बदौलत भारत ने पहले वनडे मैच में 7 विकेट से जीत दर्ज की। 

मांजरेकर ने एक स्पोर्ट्स चैनल से कहा, 'मुझे उम्मीद है कि हम आम तौर पर भारत की तरह युवा खिलाड़ी पर यह कहते हुए दबाव नहीं डालते कि उसे शतक बनाना है। आज जो 40 (43) मिले, उसने उसके बाद भारत को जीत की स्थिति में ला खड़ा किया। अगर उन्होंने कोशिश की तो भी भारत हारने वाला नहीं था। शॉ जब आउट हुए तो भारत का स्कोर 5.3 ओवर में 1 विकेट पर 58 था। आवश्यक दर जो पारी की शुरुआत में लगभग 5.4 थी तब तक 5 से कम हो गई थी। 

उन्होंने कहा, 'मैं उसके स्ट्राइक रेट से 40 और 50 रन बनाकर खुश हूं, बशर्ते उसके बाद पर्याप्त बल्लेबाजी हो। और ऐसा लग रहा था कि वह उस तरह से खेलना नहीं चाह रहा था, लेकिन यह बस हो रहा था। ईशान किशन ने थोड़ा अलग तरीके से खेला जो उन्मत्त होने की सीमा पर था। पूर्व भारतीय बल्लेबाज ने महसूस किया कि बड़े शतक लगाने से मैच जीतने पर ध्यान देना बेहतर है। उन्होंने कहा कि अब इस युवा खिलाड़ी पर शतक लगाने का दबाव नहीं डाला जाना चाहिए। 

पूर्व क्रिकेटर ने कहा, आखिरकार उसे बड़े स्कोर मिलना शुरू हो जाएंगे, लेकिन मुझे नहीं लगता कि उस पर अपनी शुरुआत को शतकों में बदलने के लिए सीधे दबाव डाला जाना चाहिए। एकदिवसीय क्रिकेट में शतक बनाना, यदि आप शीर्ष पर बल्लेबाजी करने वाले अच्छे खिलाड़ी हैं, तो आपको शतक मिलते हैं। लेकिन जीत महत्वपूर्ण है।