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मुंबई : कॉमनवैल्थ गेम्स इस बार भारतीय एथलीट्स के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है। यह मुसीबत किसी और ने नहीं बल्कि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा जारी नए नियमों के कारण खड़ी हुई है। दरअसल आईओए ने खिलाडिय़ों के साथ जाते कोच या रिश्तेदारों की लंबी-चौड़ी लिस्ट पर इस बार कैंची चला दी थी। इसी कारण बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल के पिता और पीवी सिंधु के एक रिश्तेदार को कॉमनवैल्थ में एंटी होनी मुश्किल हो गई थी। अब इस मामले में देश को विश्व जिमनास्टिक चैंपियनशिप में पहला पदक दिलाने वाली अरुणा रैड्डी ने विरोध किया है। 

दरअसल अरुणा रैड्डी और मेघना रैड्डी के कोच को कॉमनवैल्थ में एक्रिडेशन नहीं मिला है। जब तक एक्रिडेेशन नहीं मिलता अरुणा के कोच उनके पास तक भी नहीं जा सकते। एक्रिडेशन से कोच को अपने खिलाडिय़ों के साथ होने एवं खेल गांव और साथ ही तैयारी एवं प्रतिस्पर्धा वाले क्षेत्र में आने-जाने की मंजूरी मिलती है।’’ 

इसी तरह पूर्व फर्राटा धाविका अश्विनी नचप्पा की अध्यक्षता वाले क्लीन स्पोर्ट्स इंडिया ने एक मीडिया विज्ञप्ति के जरिये स्टार बैडमिंटन खिलाडिय़ों पी वी सिंधू और साइना नेहवाल से अपने अभिभावकों के लिए एक्रिडेशन मुहैया कराने की अपनी ‘‘जरूरत’’ पर पुर्नविचार करने की अपील की है और आईओए से वे दो एक्रिडेशन उन दोनों जिमनास्टिक खिलाडिय़ों के कोच को देने का अनुरोध किया जो उनके हिसाब से पदक की दावेदार हैं।

पत्र में कहा गया है कि एक्रिडेशन महत्वपूर्ण है क्योंकि कोच का होना किसी प्रतियोगिता में खिलाडिय़ों के प्रदर्शन के लिए सबसे जरूरी है। ऐसे किसी महत्वपूर्ण कार्यक्रम में कोच का ना होना खिलाडिय़ों के लिए एक बड़ा मनोवैज्ञानिक नुकसान है। अरूणा हाल में विश्व जिम्नास्टिक चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनी थी। मेघना ने भी राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल में अच्छे अंक हासिल किए थे।