बर्मिंघम : इंग्लैंड के अनुभवी तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड चाहते हैं कि आईसीसी ‘सॉफ्ट सिगनल' का नियम खत्म कर दे क्योंकि यह अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर रहा और इससे मैच अधिकारियों की स्थिति विकट हो जाती है। दूसरे टेस्ट में न्यूजीलैंड के बल्लेबाज डेवोन कोंवे से जुड़े विवादित फैसले के बाद ब्रॉड ने यह बात कही। ब्रॉड का मानना था कि कोंवे 22 के स्कोर पर स्लिप में जाक क्रॉले द्वारा लपके गए थे। मैदानी अंपायर ने फैसला टीवी अंपायर माइकल गॉफ पर छोड़ा जिन्होंने नॉट आउट का सॉफ्ट सिगनल दिया।
कोंवे ने मौके का पूरा फायदा उठाते हुए 80 रन बनाकर न्यूजीलैंड को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। ब्रॉड ने तीसरे दिन के खेल से पहले कहा कि मैदान पर हमारी प्रतिक्रिया से आप समझ सकते हैं कि हमें लगा कि वह आउट है। जाक को लगा कि गेंद उनके हाथ में आई है और उन्होंने पहली स्लिप में जो रूट और विकेट के पीछे जेम्स ब्रासी को देखा जो इससे एक गज की दूरी पर थे। उन्हें पता था कि गेंद हाथ में आई है।
उन्होंने कहा कि लेकिन इसमें अंपायरों की गलती नहीं है जो 40 गज दूर होते हैं। इस नियम से उनकी स्थिति कठिन हो गई है। ब्रॉड ने आईसीसी से इस पर गौर करने और जरूरी उपाय करने की अपील की। अगर आप इस नियम के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू देखें तो नकारात्मक अधिक है। मुझे लगता है कि यह खराब नियम है और आईसीसी को अगली बैठक का इंतजार नहीं करते हुए इसे हटा देना चाहिए।