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स्पोर्ट्स डेस्क : भारत के दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर का आज जन्मदिन है। मुंबई में 10 जुलाई 1949 को जन्मे गावस्कर ने अपनी ऑटोबॉयोग्राफी 'सनी डेज' में कई किस्से साझा किए हैं। इन्हीं में से एक आज हम आपको ऐसे किस्से के बारे में बताने जा रहे हैं जो उनके जन्म के बाद घटित हुआ। अगर उस समय गावस्कर के मामा उनकी पहचान ना करते तो शायद वह क्रिकेटर नहीं बन पाते। 

गावस्कर ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में लिखा कि अगर मेरी जिंदगी में तेज नजरों वाले नारायण मासुरकर नहीं होते तो ना मैं कभी क्रिकेटर नहीं बना होता और न ही यह किताब लिखी गई होती। मेरे जन्म के दौरान वह अस्पताल मुझे देखने आए थे। इस दौरान उन्होंने मेरे कान पर एक बर्थमार्क देखा। अगले दिन वह फिर अस्पताल आए और मुझे गोद में उठाया तो मेरे कान पर बर्थ मार्क नहीं ना देखकर समझ गए कि कुछ गड़बड़ है। 

इसके बाद पूरे अस्पताल को चैक किया गया और मैं एक मछुआरे की पत्नी के बेड पर सोया हुआ मिला। नर्स ने गलती ने मुझे वहां सुला दिया था। यदि उस दिन चाचा ध्यान ना देते तो आज मैं शायद मछुआरा।