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स्पोर्ट्स डेस्क : जहां एक तरफ महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलकर चल रही हैं और प्रत्येक क्षेत्र में सफलताओं की सीढ़ियां चढ़ रही हैं। वहीं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) महिलाओं के साथ भेदभाव कर रही है। ये हम नहीं बल्कि बीसीसीआई के 2019-20 के वार्षिक खिलाड़ी अनुबंध में साफ तौर पर जाहिर होता है। बीसीसीआई के 2019-20 के वार्षिक खिलाड़ी अनुबंध में पुरूष खिलाड़ियों को जहां करोड़ो रूपए मिल रहे हैं वहीं महिला खिलाड़यिों को लाखों रूपए से संतोष करना पड़ेगा। 

भारतीय पुरुष टीम की तुलना में महिला टीम में ए प्लस ग्रेड नहीं है। लेकिन जहां भारतीय पुरुष ए ग्रेड में खिलाड़ियों को 5 करोड़ मिलेंगे। वहीं महिला ए ग्रेड खिलाड़ियों को मात्र 50 लाख रुपए मिलेंगे। इतना ही नहीं पुरुष बी ग्रेड और सी ग्रेड के खिलाड़ियों को क्रमशः 3 और एक करोड़ सलाना मिलेंगे। लेकिन वहीं महिला बी और सी ग्रेड के खिलाड़ियों के पैकेज पर नजर दौड़ाई जाए तो ये क्रमशः 30 और 10 लाख रुपए हैं। 

अब इन आंकड़ों से ये साफ है कि बीसीसीआई भारतीय पुरुष और महिला के साथ भेदभाव कर रहा है। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब ऐसा हुआ हो। इससे पहले भी बीसीसीआई पुरुषों के मुकाबले महिला खिलाड़ियों से भेदभाव करता आया है। 

भारतीय पुरुष खिलाड़ियों को ग्रेड के हिसाब से मिलते हैं इतने पैसे 

ए प्लस ग्रेड - 7 करोड़ रुपए 
ए ग्रेड - 5 करोड़ रुपए 
बी ग्रेड - 3 करोड़ रुपए 
सी ग्रेड - एक करोड़ रुपए 

भारतीय महिला खिलाड़ियों को ग्रेड के हिसाब से मिलती है इतनी राशि 

ए ग्रेड - 50 लाख रुपए 
बी ग्रेड - 30 लाख रुपए 
सी ग्रेड - 10 लाख रुपए