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पोर्ट ऑफ स्पेन : मौजूदा वनडे सीरीज में अक्षर पटेल को प्लेइंग इलेवन में लगातार जगह दी जा रही है। ऐसे कई कारण थे जिसके कारण अक्षर को इस बार टीम में मौका नहीं मिलता। पांच सालों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब हार्दिक पांड्या और रवींद्र जडेजा टीम में शामिल होने के लिए पूरी तरह से फिट हो, इसके बावजूद अक्षर पटेल को भारतीय टीम में शामिल किया गया है। 

अगर हार्दिक और जडेजा इस बार एक साथ टीम में मौजूद होते तो दोनों भारतीय टीम के मध्य क्रम में शामिल होते, ऐसे में अक्षर के लिए टीम में जगह बनाना काफी मुश्किल हो जाता। हालांकि भारत जिस रणनीति के साथ खेल रहा है, उसमें 40-45 खिलाड़ियों को मौका दिया जा रहा है। इस रणनीति के साथ भारतीय टीम चाहती है कि टीम के हर खिलाड़ी का बैकअप तैयार रहे। इसी तरह से जडेजा के बैकअप के रूप में अक्षर को तैयार किया जा रहा है। लगातार दिए जा रहे मौके को दोनों हाथों से स्वीकारते हुए अक्षर ने दूसरे वनडे मैच में एक अदभुत पारी खेली, जिसमें उन्होंने ताकतवर शॉट, शांत स्वभाव, स्माटर्नेस और चालाकी का बेहतरीन प्रदर्शन किया। 

जब अक्षर बल्लेबाजी करने आए तो भारत को 11 ओवर में 105 रनों की आवश्यकता थी। इसके जवाब में उन्होंने 34 गेंदों में 65 रनों की पारी खेली और मैच का अंत एमएस धोनी की शैली में सिक्सर लगाते हुए किया। ऐसा नहीं है कि अक्षर ने ऐसा पहली बार किया है। इसी साल आईपीएल में उन्होंने मुंबई इंडियंस के खिलाफ इसी तरह की पारी खेली थी। उस मैच में दिल्ली को 40 गेंदों में 74 रनों की आवश्यकता थी और छह विकेट गिर चुके थे। अक्षर ने इस मैच में डैनियल सैम्स और जसप्रीत बुमराह जैसे गेंदबाजों के सामने इस मुश्किल स्कोर को मुमकिन कर दिया। 

इन दोनों पारियों में अक्षर ने बताया कि वह कभी भी अपने शॉट्स के बारे में पहले से ही सोच कर नहीं रखते हैं, बल्कि वह गेंद की मेरिट के हिसाब से उसके खिलाफ शॉट लगाते हैं। वह एक सोची-समझी रणनीति के साथ बल्लेबाजी करते हैं। उनकी तकनीक बेहतर होती है और स्माटर्नेस के साथ अपने खेल को वह आगे बढ़ाते हैं। हालिया समय में इन दोनों प्रदर्शनों के अलावा अक्षर ने दो साल पहले भी अपनी बल्लेबाजी क्षमता का प्रदर्शन किया था। उस वक्त चेन्नई के खिलाफ शारजाह में अक्षर ने जडेजा को अंतिम ओवर में तीन सिक्सर लगा कर मैच को दिल्ली के पाले में ला दिया था। 

दिसंबर में भी न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में अक्षर ने पहली पारी में 128 गेंदों का सामना करते हुए 52 रन बनाए थे। उस मैच में उन्होंने एजाज पटेल के खिलाफ काफी रन बटोरे थे। दूसरे वनडे में उन्होंने जिस तरीके की पारी खेली। उसी देखते हुए यह विश्वास कर पाना काफी मुश्किल था कि 22 वनडे पारियों में यह उनका पहला पचासा था। डीप मिडविकेट और लांग ऑन के बीच से उन्होंने कई शानदार शॉट लगाए। उनके हर एक हिट में उनकी मंशा बिल्कुल साफ झलक रही थी।