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हांगझोउ : एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर पेरिस ओलंपिक के लिये सीधे क्वालीफाई करने का भारतीय महिला हॉकी टीम का सपना तीन बार की चैम्पियन चीन के हाथों सेमीफाइनल में 0.4 से मिली हार के साथ टूट गया। 

पिछली बार की रजत पदक विजेता भारतीय टीम विश्व रैंकिंग में सातवें स्थान पर है और एशियाई खेलों में सबसे ऊंची रैंकिंग वाली टीम थी। दुनिया की 12वें नंबर की टीम और पिछली बार की कांस्य पदक विजेता चीन ने हालांकि उसे खुलकर खेलने ही नहीं दिया। चीन के लिए जियाकी झोंग (25वां मिनट), मेरोंग झोउ (40वां), मेयु लियांग (55वां) और बिंगफेंग गु (60वां) ने गोल दागे। 

मेजबान चीन ने शुरू ही से आक्रामक खेलना शुरू किया और भारतीय गोल पर बार बार हमले बोले। इसके परिणामस्वरूप उसने छठे मिनट में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर बनाए लेकिन भारतीय कप्तान सविता पूनिया ने गोल नहीं होने दिया। भारतीय टीम ने भी कुछ हमले बोले लेकिन नतीजे नहीं मिले। चीन को 11वें मिनट में फिर पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर गोल नहीं हुआ। दूसरे क्वार्टर के तीसरे मिनट में चीन को फिर पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन बिंगफेंग की फ्लिक को सविता ने बचा लिया। 

भारतीय टीम चीन के सामने कहीं नहीं टिक सकी। मिडफील्ड और फॉरवर्ड पंक्ति में कहीं तालमेल नजर नहीं आया और गोल करने के मौके नहीं बन सके। चीन ने 25वें मिनट में फिर पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया और झोंग ने इस बार टीम को बढ़त दिला दी। भारतीय टीम रक्षात्मक हॉकी खेलती रही जिसका नुकसान यह हुआ कि चीन ने दूसरे हाफ में दस मिनट के भीतर दो पेनल्टी कॉर्नर बनाये और जोउ ने गोल करके मेजबान की बढत दुगुनी कर दी। दो गोल से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम जागी और चीनी डिफेंस को तोड़ने की कोशिश की। 

भारत को लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले और पहले पर दीप ग्रेस इक्का ने गोल भी कर दिया लेकिन ऊंचा शॉट होने के कारण उसे अमान्य करार दिया गया । उसका दूसरा प्रयास चीनी गोलकीपर ने बचा लिया। भारत ने तीन और पेनल्टी कॉर्नर बनाये और उदिता ने दूसरे पर गोल भी कर दिया लेकिन उछाल के कारण उसे अमान्य करार दिया गया। चौथे और आखिरी क्वार्टर में भारत का दबदबा रहा लेकिन टीम गोल नहीं कर सकी। आखिरी मिनट में बिनफेंग ने पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करके चीन की बढत चौगुनी कर दी। भारतीय टीम अब शनिवार को कांस्य पदक के मुकाबले में जापान या दक्षिण कोरिया से खेलेगी।