नई दिल्ली : मैदान पर अपनी चतुराई के लिए पहचाने जाने वाले भारत के शीर्ष ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) की आत्मकथा का 10 जून को विमोचन होगा। पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया (PRHI) ने सोमवार को यह घोषणा की। सिद्धार्थ मोंगा के साथ इस अनुभवी क्रिकेटर द्वारा लिखी गई ‘आई हैव द स्ट्रीट्स: ए कुट्टी क्रिकेट स्टोरी' क्रिकेट स्टार बनने से पहले अश्विन के जीवन का एक सूक्ष्म और स्पष्ट चित्रण पेश करने का वादा करती है।
अश्विन ने एक बयान में कहा कि एक क्रिकेटर बनने की अपनी कहानी साझा करते हुए मुझे खुशी हो रही है। इस पुस्तक के माध्यम से मुझे कई महत्वाकांक्षी क्रिकेटरों को प्रेरित करने की उम्मीद है। पुस्तक में उनकी बचपन की स्वास्थ्य समस्याओं, उनके मध्यमवर्गीय परिवार के अथक समर्थन और चेन्नई में क्रिकेट के दीवाने इलाके में पले-बढ़े होने की खुशी के बारे में बताया गया है।
टेस्ट क्रिकेट में भारत के सबसे बड़े मैच विजेताओं में से एक माने जाने वाले अश्विन को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए जाना जाता है जिसमें 300 टेस्ट विकेट तक सबसे जल्दी पहुंचने वाला गेंदबाज बनना भी शामिल है। विश्व कप 2011 विजेता टीम के सदस्य इस 37 वर्षीय क्रिकेटर के नाम 2 इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) खिताब और एक चैंपियंस लीग टी20 ट्रॉफी भी है।
अश्विन को भारत के अब तक के सबसे शानदार ऑफ स्पिनरों में से एक माना जाता है। वह गेंद में कई विविधताएं पैदा करता है और गेंद को फ्लाइट कराता है, जिससे उसे स्पिन करने और बल्लेबाज पर डिप करने का अधिक मौका मिलता है। अपने सामान्य ऑफ-ब्रेक के अलावा, वह आर्म बॉल और कैरम बॉल भी फेंकते हैं, जो उन्हें विकेट दिलाता है। आईपीएल में वह अपनी लेग-ब्रेक और गुगली के लिए भी जाने गए। उन्होंने कैरम बॉल चेन्नई की सड़कों पर टेनिस बॉल से खेलते हुए सीखी जिसमें उंगली से लेगब्रेक गेंद फेंकी जाती है।